Moscow Meet: NSA अजीत डोभाल बोले- आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा, अफगानिस्तान का साथ कभी नहीं छोड़ेगा भारत
मास्को में अफगानिस्तान पर बहुपक्षीय सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि काबुल में समावेशी और प्रतिनिधि व्यवस्था अफगान समाज के व्यापक हित में है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के लोगों की भलाई और मानवीय जरूरतें भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 09 Feb 2023 06:16 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। इससे मिलकर लड़ना होगा। किसी को भी आतंकवाद फैलाने के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जरूरत के समय भारत अफगानिस्तान के लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा।
मास्को में अफगानिस्तान पर बहुपक्षीय सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि काबुल में समावेशी और प्रतिनिधि व्यवस्था अफगान समाज के व्यापक हित में है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के लोगों की भलाई और मानवीय जरूरतें भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। डोभाल बुधवार से मास्को के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
अफगानिस्तान एक कठिन दौर से गुजर रहा है: डोभाल
अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों/एनएसए के सचिवों की पांचवीं बैठक में सुरक्षा स्थिति, और मानवीय चुनौतियों सहित अफगानिस्तान से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।एनएसए ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बन गया है। उन्होंने जोर दिया कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और दाएश जैसे आतंकी संगठनों से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच गहन खुफिया और सुरक्षा सहयोग की जरूरत है।
एनएसए ने कहा कि अफगानिस्तान एक कठिन दौर से गुजर रहा है और जरूरत के समय में भारत अफगान लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा। भारत ने अफगानिस्तान में संकट के समय 40,000 मीट्रिक टन गेहूं, 60 टन दवाइयां, पांच लाख कोविड टीके भेजकर मदद की है।
अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत करता रहा भारत
भारत ने पिछले दो वर्षों के दौरान 300 अफगान लड़कियों सहित 2,260 अफगान छात्रों को नई छात्रवृत्ति प्रदान की है। भारत सामने आ रहे मानवीय संकट को दूर करने के लिए अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत करता रहा है। डोभाल की मास्को यात्रा नई दिल्ली में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक से कुछ सप्ताह पहले हो रही है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के एक और दो मार्च को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा करने की उम्मीद है।
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