गूगल पर भारतीय रेलवे से जुड़े इन सवालों के जवाब तलाशते हैं लोग, क्या आपके दिमाग में भी आए ऐसे सवाल?
Most Searched Questions लोग गूगल पर अजीबो-गरीब चीजें सर्च करते हैं क्योंकि इस पर हर सवाल का जवाब मिल जाता है। ठीक ऐसे ही लोग भारतीय रेलवे से जुड़ी कुछ रोचक बातें भी गूगल पर सर्च करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर मौजूद भाखड़ा और नांगल के बीच एक ट्रेन चलाई जाती है, जिसमें पिछले 73 सालों से मुफ्त में लोग सफर का लुत्फ उठा रहे हैं। यह सफर लगभग 13 किलोमीटर लंबा है। हालांकि, इस ट्रेन का मालिकाना हक रेलवे के पास नहीं है।
आंकड़ों की माने तो प्रतिदिन भारत में लगभग 2 करोड़ 30 लाख यात्री ट्रेन से यात्रा करते हैं। हालांकि, इस बात का दावा किया गया है कि कोविड के बाद से यह संख्या कुछ हद तक कम हो गई है। सबसे ज्यादा संख्या मुंबई में चलने वाली सबअर्बन ट्रेनों के यात्रियों की होती है।
भारत में चलने वाली सबसे लंबी दूरी की ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है। यह ट्रेन 75 घंटे में करीब 4,150 किलोमीटर का सफर तय करती है। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम के डिब्रूगढ़ से यह ट्रेन दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक जाती है।
भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेन पंजाब मेल है। यह ट्रेन साल 1912 में शुरू की गई थी, जो उस समय बलार्ज पियर (दक्षिणी मुंबई) और पेशावर (अब पाकिस्तान) के बीच चलती थी। आज भी यह ट्रेन अपनी रफ्तार बनाए हुए हैं और अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (मुंबई) से फिरोजपुर कैंट के बीच चलती है।
शेषनाग ट्रेन भारत की सबसे लंबी ट्रेन की लिस्ट में शामिल है। इस ट्रेन की लंबाई लगभग 2.8 किलोमीटर है। कहा जाता है कि इस ट्रेन को खींचने के लिए 4 इंजन की मदद लेनी पड़ती है। हालांकि, यह कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं, बल्कि एक मालगाड़ी है।
वर्तमान में भारत में तकरीबन 8,300 रेलवे स्टेशन हैं। हालांकि, इसकी संख्या बढ़ती और घटती रहती है, क्योंकि जरूरत के मुताबिक सरकार इसमें बदलाव करती रहती है। कई बार लोगों के कम आवाजाही के कारण स्टेशन को बंद भी कर दिया जाता है, तो वहीं कई बार मांग करने पर बंद पड़े स्टेशनों को दोबारा चालू कर दिया जाता है।
वर्तमान समय ने भारत में कुल 12,167 पैसेंजर ट्रेन है। इसके अलावा भारत में 7,349 मालगाड़ी ट्रेन है। हालांकि, इनकी संख्या भी बढ़ती-घटती रहती है। अपनी सेवा पूरी कर चुकी पैसेंजर ट्रेन को मालगाड़ी में बदल दिया जाता है।
केरल राज्य के त्रिवेंद्रम से राजधानी दिल्ली के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस ऐसी ट्रेन है, जो बिना रुके सबसे लंबी दूरी तक जाती है। इस ट्रेन का पूरा सफर 3,149 किलोमीटर का होता है, जिसमें यह वडोदरा से कोटा के बीच 528 किलोमीटर का सफर बिना कहीं रुके तय करती है। यह 528 किलोमीटर की दूरी केवल 6.30 घंटे में पूरी कर लेती है।
रेलवे के एक सामान्य मेल एक्सप्रेस ट्रेन की कीमत करीब 60-70 करोड़ रुपये होती है। इसमें इंजन का औसत 18 करोड़ और 24 डिब्बों के 2-2 करोड़ रुपये के हिसाब से 48 करोड़ रुपये शामिल होते हैं। वहीं, वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपये होती है।
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम में रेल लाइन नहीं है। यह भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां अब तक रेल लाइन नहीं पहुंचा है। हालांकि, भारतीय रेल एक योजना के तहत 12,500 करोड़ रुपये खर्च कर एक प्रोजेक्ट के तहत साल 2024 तक यहां पर भी रेलवे कनेक्टिविटी दे देगी। इससे देश की राजधानी दिल्ली और सिक्किम के बीच सीधी रेल सेवा उपलब्ध होगी।
लंबी दूरी के लिहाज से दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई का रूट सबसे व्यस्त है। वहीं, अगर छोटे रूट की बात करें तो, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच का रूट रेलवे के सबसे व्यस्त रूट है।
कई लोगों को लगता है कि नई दिल्ली और मुम्बई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। देश का सबसे बिजी रेलवे स्टेशन वेस्ट बंगाल का हावड़ा है। यह देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में भी शामिल है, जिसमें कुल 23 प्लेटफॉर्म हैं।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई का रोयापुरम रेलवे स्टेशन भारतीय रेल का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है। इसका निर्माण साल 1856 में हुआ था। दरअसल, इसे बंद कर दिया गया था, लेकिन 2 अक्टूबर, 2005 को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था। इसे क्लासिक स्टाइल में डिजाइन किया गया है।
भारत के ओडिशा के 'इब' (Ib) रेलवे स्टेशन का नाम रेलवे स्टेशनों में सबसे छोटा है। इस रेलवे स्टेशन के पास इब नाम की नदी है, इसलिए इस स्टेशन को यह नाम दिया गया है। इब रेलवे स्टेशन भारत का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन भी माना जाता है।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर मौजूद वेंकटानरसिम्हाराजूवरियापेटा रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय रेल में सबसे लंबे रेलवे स्टेशन के नाम के तौर पर दर्ज है। वहां के स्थानीय लोग इस स्टेशन के नाम से पहले 'श्री' का इस्तेमाल भी करते हैं, जिससे इसका नाम और बड़ा हो जाता है।
भारत में नवापुर रेलवे स्टेशन दो राज्यों में बंटा हुआ है। इसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र में आता है और आधा हिस्सा गुजरात में आता है। इस स्टेशन की खास बात यह है कि यहां पर किसी भी सूचना की घोषणा हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और गुजराती भाषा में की जाती है।
यह दो स्टेशन महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में आमने-सामने बने हुए हैं। यहां पर पटरी के एक तरफ श्रीरामपुर रेलवे स्टेशन है और पटरी की दूसरी तरफ बेलापुर रेलवे स्टेशन बना हुआ है। यह स्टेशन सेंट्रल रेलवे के अधीन आता है।