मध्य प्रदेश में बेअसर रेल रोको आंदोलन, अधिकांश जगहों पर ट्रैक तक ही नहीं पहुंच पाए प्रदर्शनकारी
सतना में संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर किसान बघराई स्टेशन पहुंच गए लेकिन वहां भी पुलिस ने रेल नहीं रोकने दी। रीवा में प्रदर्शनकारी ट्रैक पर तो बैठ गए लेकिन पुलिस बल ने उन्हें हटा दिया। यहां 33 लोगों को शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार किया गया।
इंदौर, राज्य ब्यूरो। कृषि कानूनों के विरोध में गुरवार को आयोजित रेल चक्का जाम का मध्य प्रदेश में कोई असर नहीं दिखा। ज्यादातर स्थानों पर तो आंदोलनकारी रेल पटरी तक ही नहीं पहुंच पाए। ज्यादातर प्रदर्शनकारी कांग्रेस के ही थे। ग्वालियर अंचल के कुछ स्थानों पर ट्रैक पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया। हालांकि उन्हें हटा दिया गया।
मुरैना में रेल रोकने पहुंचे 20 कांग्रेसियों को 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने प्लेटफार्म पर पहुंचने ही नहीं दिया। इधर--उधर से घुसकर कांग्रेसी पटरी किनारे पहुंचे पर उस समय कोई ट्रेन नहीं थी। महाकौशल-विंध्य के कुछ स्थानों पर किसान रेलवे स्टेशनों पर पहुंचे, लेकिन पहले से तैनात पुलिस बल के कारण वे रेल नहीं रोक पाए।
सतना में संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर किसान बघराई स्टेशन पहुंच गए लेकिन वहां भी पुलिस ने रेल नहीं रोकने दी। रीवा में प्रदर्शनकारी ट्रैक पर तो बैठ गए लेकिन पुलिस बल ने उन्हें हटा दिया। यहां 33 लोगों को शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार किया गया। कुछ देर बाद उन्हें जमानत पर छोड़ भी दिया गया। मालवा-निमाड़ में भी आंदोलन का कोई असर नहीं दिखा।
सर्दी-खांसी से त्रस्त कक्काजी हैं अस्पताल में भर्ती
ट्रेन चक्का जाम का विरोध करते रहे संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के प्रमुख सदस्य और एमपी के किसान नेता शिव कुमार शर्मा कक्काजी बृहस्पतिवार गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती रहे। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कक्काजी ट्रेन चक्का जाम का आह्वान करने के बाद मध्यप्रदेश चले गए थे। वापस लौटे तो उन्हें सर्दी-खांसी ने जकड़ लिया। कक्काजी के किसान संगठन ने मोर्चा की बैठक में ट्रेन चक्का जाम का विरोध किया था। हालांकि उनकी एक नहीं सुनी गई।