यहां के लोगों ने शराब को कहा ना, अब बनाने और पीने पर वसूलते हैं जुर्माना, जानें इस बदलाव की कहानी
एक ऐसा क्षेत्र जहां लोग सालों से कच्ची शराब बना और बेच रहे थे उन लोगों ने प्रशासन की शराब के खिलाफ चल रही मुहिम से प्रेरित होकर अचानक शराब से तौबा कर ली। यदि कोई शराब पीते या बनाते गांव वालों की नजर में आया तो जुर्माना वसूला जाएगा।
By Arun kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 08:17 PM (IST)
गुनेश्वर सहारे, बालाघाट। अगर आप में इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी भी संभव है। मध्य प्रदेश में एक ऐसा क्षेत्र जहां लोग सालों से कच्ची शराब बना और बेच रहे थे, उन लोगों ने प्रशासन की शराब के खिलाफ चल रही मुहिम से प्रेरित होकर अचानक एक दिन शराब से तौबा कर ली। यही नहीं, अब यदि कोई शराब पीते या बनाते गांव वालों की नजर में आया तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। खास बात यह है कि इस निर्णय के बाद किसी ने शराब नहीं पी और न ही गांव में शराब बनाई गई।
यह है व्यवस्थाग्रामीणों ने 40 लोगों की एक समिति बनाई और बैठक कर सर्वसम्मति से शराब बंद करने का निर्णय लिया गया। समिति ने शराब बनाने और पीने वालों से जुर्माना वसूलने का भी फैसला लिया। ताकि वार्ड में शराब पूरी तरह से बंद हो सके।
इस तरह लगेगा जुर्माना-शराब बनाने वाले पर पांच हजार रुपये का जुर्माना।
-शराब पीने वाले पर 2500 रुपये का जुर्माना।देते हैं इनाम भी-सूचना देने वाले को नाम गोपनीय रखते हुए 1000 रुपये दिए जाएंगे।नशा मुक्ति अभियान के अध्यक्ष सुखबती कुसरे का कहना है कि वार्ड नंबर एक में कई लोग कच्ची शराब बना रहे थे, जिससे बाहर के लोग यहां शराब पीने आने से आसपास के लोगों को परेशानी हो रही थी। इसे रोकने के लिए वार्ड में एक समिति बनाकर शराब बंद करने का निर्णय लिया गया है।
मलाजखंड के थाना प्रभारी सतीश दुबे ने कहा कि नगर पालिका मलाजखंड के वार्ड नंबर एक करहू के वार्डवासियों ने खुद बैठक कर शराब बंद करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी हमारे पास है। वार्डवासियों को यदि कोई दिक्कत आएगी तो हमारा स्टाफ मदद करेगा। इससे आसपास के गांवों में भी जागरूकता आएगी।