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रबी बोआई चालू पर घोषित नहीं हुई MSP, कृषि मंत्री तोमर ने कहा- न्यूनतम समर्थन मूल्य की जल्दी कर दी जाएगी घोषणा

रबी सीजन शुरु होने के साथ ही फसलों में बोआई भी चालू हो चुकी है लेकिन अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा नहीं हो सकी है। किसानों की सहूलियत के मद्देनजर सीजन शुरु होने से पहले फसलों के एमएसपी की घोषणा की परंपरा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 15 Oct 2022 07:02 PM (IST)
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रबी बोआई चालू पर घोषित नहीं हुई MSP। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रबी सीजन शुरु होने के साथ ही फसलों में बोआई भी चालू हो चुकी है, लेकिन अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा नहीं हो सकी है। किसानों की सहूलियत के मद्देनजर सीजन शुरु होने से पहले फसलों के एमएसपी की घोषणा की परंपरा रही है। चालू रबी सीजन वाली फसलों की एमएसपी की किसानों को बेसब्री से इंतजार है। कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा 'एमएसपी की घोषणा जल्द कर दी जाएगी।'

पीएम मोदी जारी करेंगे पीएम-किसान निधि की 12वीं किस्त

चालू रबी सीजन की तैयारियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 अक्तूबर 2022 को पूसा में आयोजित किसान सम्मेलन में किसानों के लिए पीएम-किसान निधि की किस्त भी जारी कर देंगे। 16 हजार करोड़ रुपये की यह 12वीं किस्त होगी। बोआई की तैयारियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी 'एक राष्ट्र-एक उर्वरक' योजना का शुभारंभ भी करेंगे।

सीजन से पहले ही जारी होती थी एमएसपी

सीजन से पहले फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के अनुरूप किसान खेती करता है, जिसमें उसे लाभ होता है। इसके पूर्व वर्ष 2021 के रबी सीजन में 13 सितंबर को एमएसपी की घोषणा की गई थी, जबकि वर्ष 2020 में 21 सितंबर को घोषणा कर दी गई थी। यानी रबी सीजन शुरु होने से पहले सरकार ने एमएसपी की घोषणा करती रही है, जिसमें इस बार देरी हो रही है। कई किसान संगठनों ने इस देरी पर नाराजगी जताई है।

बेमौसम बारिश से गेहूं की बोबाई पर पड़ा असर

कृषि मंत्रालय की ओर से साप्ताहिक तौर पर बोआई रकबा का आंकड़ा भी जारी किया जाने लगा है। पिछले दो सप्ताह से दलहनी व तिलहनी फसलों का बोआई रकबा भी धीरे धीरे जोर पकड़ रहा है। बीते शुक्रवार को जारी बोआई आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल 7.34 लाख हेक्टेयर में दलहन व तिलहनी फसलों की खेती हो चुकी है। चालू सीजन की मुख्य फसल गेहूं है, लेकिन उसकी बोआई अभी तक चालू नहीं हो सकी है। राज्यों से इसके आंकड़े अभी तक नहीं आ रहे हैं। माना जा रहा है कि हाल ही बेमौसम बारिश से गेहूं की बोआई अभी शुरु नहीं हो पाई है।

बेमौसम बारिश से खरीफ फसलों का नुकसान

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि किसान मानसून पर निर्भर है और इस बार मानसून अप्रत्याशित रहा है। सभी उपायों के बावजूद खेती का बहुत कुछ प्रकृति की दया पर निर्भर है। हाल की बेमौसम बारिश से खरीफ फसलों का नुकसान हुआ है। सरकार को राज्यों से नुकसान के आकलन रिपोर्ट का इंतजार है। तोमर यहां पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे।

रिपोर्ट आने के बाद जारी होगी राष्ट्रीय आपदा कोष

राज्यों में फसलों के हुए नुकसान के सर्वेक्षण का काम चल रहा है। हालांकि किसानों को तात्कालिक राहत देने के लिए राज्यों के पास राज्य आपदा कोष हैं जिससे वे किसानों को मुआवजा दे सकते हैं। फसलों की क्षति का आकलन रिपोर्ट आने के बाद राष्ट्रीय आपदा कोष से भी और राशि जारी की जा सकती है।

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