26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के करीबी मुफ्ती कैसर फारूक की कराची में हत्या, हमलावरों ने गोलियों से भूना
लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीबी सहयोगी मुफ्ती कैसर फारूक की पाकिस्तान के कराची में अज्ञान बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। हाफिज सईद को भारत में हुए 26/11 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। हाल ही में सईद के बेटे के लापता होने की भी खबर आई थी। पाकिस्तान पुलिस ने इस हत्या को आतंकी हमला करार दिया।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 01 Oct 2023 10:13 PM (IST)
आइएएनएस, नई दिल्ली। लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीबी सहयोगी मुफ्ती कैसर फारूक की पाकिस्तान के कराची में अज्ञान बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। हाफिज सईद को भारत में हुए 26/11 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। हाल ही में सईद के बेटे के लापता होने की भी खबर आई थी।
क्या कहना है पाकिस्तान का ?
इस महीने की शुरुआत में लश्कर ए तैयबा से जुड़े एक अन्य मौलवी मौलाना जियाउर रहमान की भी कराची में शाम की सैर के दौरान दो मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी एजेंसियां यह दिखाने का पूरा प्रयास कर रही हैं कि जिया उर रहमान और मुफ्ती कैसर दोनों का हाफिज सईद और उसके लश्कर ए तैयबा से कोई संबंध नहीं था।
हत्याओं का सिलसिला
इससे पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़े और खालिस्तान कमांडो फोर्स के नेता परमजीत सिंह पंजवार की भी हत्या कर दी गई थी। फरवरी में हिजबुल मुजाहिदीन को उस वक्त तगड़ा झटका लगा था जब उसका लांच कमांडर व सैयद सलाहुद्दीन के करीबी सहयोगी बशीर पीर की रावलपिंडी में आइएसआइ मुख्यालय के पास अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी। उसे बहुत करीब से गोली मारी गई थी। हाल में हुई इन हत्याओं के बाद आइएसआइ में काफी बेचैनी है और उसने अपने कई महत्वपूर्ण लोगों सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है।एक दर्जन लोगों को 'सेफ हाउसेज' में किया गया शिफ्ट
आइएसआइ ने ऐसे करीब एक दर्जन लोगों को 'सेफ हाउसेज' में शिफ्ट किया है। पाकिस्तानी एजेंसी के लिए ऐसा करना इसलिए भी जरूरी हो गया था क्योंकि सितंबर में ही लश्कर के दो आपरेटिव अबु कासिम कश्मीरी की रावलकोट और कारी खुर्रम शहजाद की नजीमाबाद में हत्या कर दी गई।लश्कर से जुड़े आतंकी रहमान की 12 सितंबर को हत्या कर दी गई थी और स्थानीय पुलिस को घटनास्थल से 11 कारतूस मिले थे।
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पाकिस्तान पुलिस ने इस हत्या को 'आतंकी हमला' करार दिया
वह जामिया अबू बकर नामक मदरसे में एक प्रशासक के रूप में काम कर रहा था। इस मदरसे का इस्तेमाल उसकी आतंकी गतिविधियों के लिए एक मुखौटे के रूप में किया जाता था। पाकिस्तान पुलिस ने इस हत्या को 'आतंकी हमला' करार दिया, जिसमें घरेलू आतंकियों की संलिप्तता बताई गई। इसके अलावा जांचकर्ता हत्या के संभावित उद्देश्यों में गिरोहों की प्रतिद्वंद्विता की संभावना भी तलाश रहे हैं।
रहमान की हत्या कराची में धार्मिक प्रचारकों पर हमलों की एक श्रृंखला के बाद हुई है, जो आइएसआइ के जरिये आतंकी समूहों से जुड़े थे और भारत के विरुद्ध युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और एकजुट करने में शामिल थे।यह भी पढ़ें- देश का भविष्य गढ़ने का एक और 'प्रयास', शोध से जुड़ेंगे स्कूली बच्चे; 9-11वीं तक के छात्र ले सकेंगे हिस्सा