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26/11 Attack Anniversary: हमले की 15वीं बरसी पर BJP ने कांग्रेस को घेरा, खुफिया सूचनाओं को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

26/11 Attack Anniversary भाजपा नेता ने दावा किया कि तत्कालीन वायुसेना प्रमुख ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कराची में कमांड सेंटर के बारे में चर्चा की थी जहां से लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां संचालित हो रही थीं। दावा है कि वायुसेना प्रमुख ने कमांड सेंटर पर हमला करने की बात कही थी लेकिन ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 26 Nov 2023 04:00 AM (IST)
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कांग्रेस सरकार ने खुफिया सूचनाओं को नजरअंदाज किया: भाजपा
आईएएनएस, नई दिल्ली। भाजपा ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की 15वीं बरसी पर केंद्र में सत्तारूढ़ तत्कालीन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार और उस समय के पीएम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने हमलों के बारे में खुफिया सूचनाओं को नजरअंदाज कर दिया था।

पार्टी ने आतंकवाद और आतंकी हमलों पर कांग्रेस के रुख को लेकर उसकी कड़ी आलोचना की और साथ ही आतंकवाद की जड़मूल से खत्म करने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रशंसा की। भाजपा ने कहा कि यह मोदी सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि देशभर में आतंकी हमलों की घटनाओं में भारी गिरावट आई है।

26 नवंबर, 2008 को देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में जनजीवन को थाम देने वाले भयानक हमलों को याद करते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी को बाद में याद आया कि खुफिया एजेंसियों ने समुद्री रास्ते का इस्तेमाल कर आतंकी हमले की आशंका की चेतावनी दी थी।

शुक्ला के मुताबिक, पूर्व रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इनपुट के बावजूद तटीय इलाकों में सुरक्षा कड़ी नहीं की गई जिसके कारण अंतत: मुंबई में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई।

भाजपा नेता ने दावा किया कि तत्कालीन वायुसेना प्रमुख ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कराची में कमांड सेंटर के बारे में चर्चा की थी, जहां से लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां संचालित हो रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया मुंबई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ कोई अहम कदम नहीं उठाया गया।

शुक्ला ने दावा किया कि वायुसेना प्रमुख ने कमांड सेंटर पर हमला करने की बात कही थी लेकिन मनमोहन सिंह ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। शुक्ला ने कहा कि हालांकि 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से स्थिति बदल गई है।

उरी और पुलवामा में दो बड़े आतंकी हमले हुए लेकिन जवाब में जो कार्रवाई हुई उससे आतंकियों के हौंसले पस्त हो गए। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने न सिर्फ पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बल्कि पूर्वोत्तर में आतंकवाद फैला रहे संगठनों को पंगु बनाने के लिए म्यांमार में भी प्रवेश किया।

ऐसे कदमों के कारण आतंकी अब भारत पर हमला करने से डरते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी चाहे पाकिस्तान में हों या फिर कनाडा में, अब भारतीय एजेंसियों से भयभीत हैं।

मेजर उन्नीकृष्णन बने हुए हैं प्रेरणा स्त्रोत

मुंबई आतंकी हमले के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले मेजर संदीप उन्नीकृष्णन पूरे कर्नाटक के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं। मेजर उन्नीकृष्णन को मुंबई हमलों के दौरान आपरेशन ब्लैक टारनेडो में उनकी दिखाई गई बहादुरी के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। वे उस स्पेशल एक्शन ग्रुप को लीड कर रहे थे जिसे आतंकियों के सफाये और बंधकों को रिहा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

वे अपने साथियों को खोने के बावजूद अपनी आखिरी सांस तक अकेले आतंकियों से लड़ते रहे और बंधकों को बचाया। आपरेशन टारनेडो में अदम्य साहस के चलते मेजर उन्नीकृष्णन को अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया था। बेंगलुरु के येलहंका इलाके में मुख्य सड़क का नाम उनके नाम पर ही रखा गया है।

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पूरे कर्नाटक में कन्नड़ और देशभक्त संगठन स्वतंत्रता दिवस आदि पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों के साथ संदीप के पोस्टर भी लगाते हैं। संदीप को श्रद्धांजलि स्वरूप भारतीय रेलवे ने अपने लोकोमोटिव टीकेडी डब्ल्यूडीपी4बी 40049 का नाम संदीप उन्नीकृष्णन रखा है।