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Mumbai Building Collapse: अबतक 16 लोगों की मौत, स्निफर डॉग्स की मदद से सर्च ऑपरेशन जारी

एनडीआरएफ की टीम स्निफर डॉग्स की मदद से सर्च ऑपरेशन चला रही है।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Wed, 17 Jul 2019 12:36 PM (IST)
Mumbai Building Collapse: अबतक 16 लोगों की मौत, स्निफर डॉग्स की मदद से सर्च ऑपरेशन जारी
मुंबई, एएनआइ। Mumbai Building Collapse दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को 100 साल पुरानी 4 मंजिला इमारत भरभराकर ढह गई थी। दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है। मलबे के नीचे से दो नाबालिगों के शव निकाले गए है। इस हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 16 पहुंच गया है। कई लोगों के अभी अंदर फंसे होने की आशंका है। मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए अब मौके पर स्निफर डॉग्स को लगाया गया है।

वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार के मुआवजे का एलान किया है। उन्होंने कहा है कि घायलों के चिकित्सा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। साथ ही सीएम ने हादसे पर चर्चा के लिए एक बैठक भी बुलाई है। बैठक में आवास मंत्री आर.वी. पाटिल, बृहन्मुंबई नगर निगम के अधिकारी, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे।

हादसा मंगलवार सुबह 11.40 बजे हुआ। मुंबई के डोंगरी इलाके में केसरबाई बिल्डिंग का आधा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। बताया जा रहा है कि हादसे के समय इमारत में करीब 15 परिवारों के 40 से अधिक लोग मौजूद थे। हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से लोगों को मलबे से निकालने का काम शुरू कर दिया। मलबे से निकाले गए घायलों को पास ही स्थित जेजे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुर्घटना पर दुख जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। शाम तक दो बच्चों एवं सात महिलाओं को मलबे से बाहर निकाला जा चुका था।

गौरतलब है कि 2017 में भी इसी इलाके की पाकमोडिया स्ट्रीट पर एक चार मंजिला इमारत ढह जाने से 33 लोग मारे गए थे। इस इलाके में ज्यादातर इमारतें 70 से 100 साल पुरानी हैं। माना जा रहा है कि पिछले 10 दिनों से मुंबई में हो रही भारी बरसात के कारण हुए जलभराव एवं तेज हवाओं ने केसरबाई इमारत को कमजोर कर दिया था। इस इलाके की एक दर्जन से ज्यादा इमारतों को म्हाडा द्वारा जर्जर बताकर खाली करने की नोटिस दी जा चुकी है।