बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: शिव कुमार के साथी से पूछताछ में हाथ लगे सुबूत, बैनर से की टारगेट की पहचान; 50 हजार की रकम मिली
12 अक्टूबर को एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को उनके बेटे के कार्यालय के बाहर अंजाम दिया गया। तीन शूटरों ने घटना को अंजाम दिया है। पुलिस अभी तक तीन को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी है। वहीं बाकी फरार आरोपितों की तलाश जारी है। उधर मुंबई पुलिस ने यूपी के बहराइच में डेरा डाल दिया है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। एनसीपी नेता व पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बहराइच के गंडारा गांव में डेरा डाल दिया है। टीम इस मामले में गिरफ्तार धर्मपाल कश्यप और फरार शिवानंद उर्फ शिव कुमार गौतम के इर्द-गिर्द रहने वालों का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से लिंक तलाशने में जुटी हुई है।
क्राइम ब्रांच ने सोमवार को दूसरे दिन भी मध्य प्रदेश के उज्जैन व ओंकारेश्वर में सर्च अभियान चलाया। मुंबई पुलिस सोमवार को गंडारा गांव के युवक हरीश को हिरासत में लेकर पूछताछ करती रही। सूत्रों के अनुसार, उससे पुलिस को कुछ सुबूत मिले हैं। पुलिस आरोपितों के परिवार व मित्रों के मोबाइल नंबरों के रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।
इन सवालों का जवाब तलाश रही पुलिस
बताया जा रहा कि हरीश का पुणे में कबाड़ खरीदने का कारोबार था। 19 वर्षीय शिवकुमार हरीश के पास काम की तलाश में गया था, लेकिन वह कब और कैसे मुंबई पहुंच गया और किसके जरिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया, इसका जवाब सुरक्षा एजेंसियां तलाशने में जुटी हुई हैं।शूटरों ने ऐसे की टारगेट की पहचान
पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या की पूरी साजिश पुणे में रची गई। यहां शूटरों को 50 हजार रुपये की रकम दी गई। इसके अलावा बाबा सिद्दीकी की फोटो और प्लेक्स बैनर भी दिया गया। ताकि शूटर अपने टारगेट को आसानी से पहचान सके। इसके बाद आरोपियों ने बाबा सिद्दीकी की रेकी की और 12 अक्टूबर को वारदात को अंजाम दिया।मध्य प्रदेश क्यों गई मुंबई पुलिस?
अपर पुलिस अधीक्षक सिटी रामानंद कुशवाहा ने बताया कि सड़क हादसे में हरीश चोटिल हो गया था। बीते कई महीने से वह गांव पर ही रह रहा था। उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस ने उससे पूछताछ की है, लेकिन उनको क्या जानकारी मिली है? इस बात से उन्होंने अनभिज्ञता जताई है। इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपितों से पूछताछ में पता चला था कि हत्या के बाद तीनों मप्र के ओंकारेश्वर या उज्जैन में मिलने वाले थे, इसलिए तीसरे आरोपित की तलाश में मुंबई पुलिस इन शहरों में पहुंची हुई है।