Flesh Trade: मुंबई सेशन कोर्ट का देह व्यापार को अपराध मानने से इनकार, भारत व अन्य देशों में ऐसे हैं नियम
Flesh Tradeभारत में अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956 देह व्यापार से जुड़े वर्क से संबंधित है। हालांकि अपनी मर्जी से किया गया यौन कार्य कानून के अंतर्गत अवैध नहीं है लेकिन देह व्यापार से संबंधित कुछ गतिविधियां मसलन वेश्यालय का मालिक होना और देह व्यापार में शामिल होना गैरकानूनी है।
By Babli KumariEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 23 May 2023 12:54 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। पिछले साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स के संबंध में एक निर्णय दिया था। जिसके मुताबिक ‘देह व्यापार’ करना कानूनी अपराध नहीं है। अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि पुलिस देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स को बेवजह परेशान नहीं कर सकती। शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि देह व्यापार से जुड़े वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं।
वहीं अब मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने देह व्यापार पर फैसला सुनाते हुए 34 वर्षीय एक महिला को शेल्टर होम से मुक्त करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि देह व्यापार में शामिल होना अपने आप में अपराध नहीं है बल्कि सार्वजनिक स्थान पर ऐसा करना जिससे दूसरों को परेशानी हो उसे अपराध कहा जा सकता है। अदालत ने इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लेख किया और कहा कि स्वतंत्र रूप से घूमने और भारत के किसी भी हिस्से में रहने और बसने का सबका मौलिक अधिकार है। आइए जानते है भारत में देह व्यापार के क्या हैं कानून? अन्य देशों में क्या है इसके नियम...
क्या कहता है हमारा कानून?
भारतीय दंड संहिता (IPC) के अनुसार, देह व्यापार वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो देह व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हैं और अधिनियम के कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं। जैसे...- सार्वजनिक स्थानों पर देह व्यापार
- होटलों में देह व्यापार करना।
- देह व्यापार से जुड़े वर्कर के तौर पर देह व्यापार में शामिल होना।
- एक ग्राहक के लिए यौन क्रिया की व्यवस्था करना।
- कॉल गर्ल को भी सजा।
अनैतिक ट्रैफिक (रोकथाम) अधिनियम, 1986 मूल अधिनियम का एक संशोधन है। इस अधिनियम के अनुसार, वेश्याओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए अगर वे खुद के साथ संबंध बनाने को कहती हैं या दूसरों को बहकाते हुए पाई जाती हैं। इसके अलावा, कॉल गर्ल को अपने फोन नंबर सार्वजनिक करने की मनाही है। ऐसा करते पाए जाने पर उन्हें 6 महीने तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।
भारत में क्या है स्थिति?
हमारे देश में देह व्यापार गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इसके लिए किसी को फोर्स करना और सार्वजनिक देह व्यापार करना गैरकानूनी है। वेश्यालय का मालिकाना हक भी अवैध है।क्या है अन्य देशों में देह व्यापार को लेकर कानून
कुछ देशों ने देह व्यापार पर पूरी तरह से रोक लगा रखा है। हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां इसे कानूनन वैध करार दिया गया है। यहां तक कि देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स को स्वास्थ्य लाभ और सामाजिक योजनाओं के तहत फायदे भी पहुंचाए जाते हैं।
इन देशों में देह व्यापार नहीं है जुर्म
न्यूजीलैंड (NEW ZEALAND)
यहां साल 2003 में देह व्यापार को कानूनी मान्यता दी गई। इसके लिए बाकायदा सार्वजनिक स्वास्थ्य और रोजगार कानून के तहत वेश्यालयों को लाइसेंस जारी किया जाता है। यानी देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स को दूसरे कर्मचारियों की तरह ही रोजगार से संबंधित सामाजिक लाभ हासिल है।फ्रांस (FRANCE)
फ्रांस की संसद ने कानून पास कर देह व्यापार के लिए पैसे देने को गैरकानूनी घोषित कर दिया। इस तरह फ्रांस भी ऐसा देश बन गया है, जहां देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स के ग्राहकों को आपराधिक घोषित कर दिया गया है।जर्मनी (GERMANY)
जर्मनी दुनिया के उन देशों में शुमार है, जहां देह व्यापार को सबसे पहले कानूनी अधिकार दिया गया। 1927 से ही यहां वेश्यालयों के लिए लाइसेंस की व्यवस्था की गई। देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही इंश्योरेंस जैसी पहल भी की गई। यहां यौनकर्मी अपनी कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में देते हैं, जबकि एक निश्चित समय के बाद उन्हें पेंशन भी दिया जाता है।ग्रीस (GREECE)
ग्रीस में भी देह व्यापार एक कानूनी पेशा है। अन्य लोगों की तरह यहां देह व्यापार से जुड़े वर्कर्स को अपना मेडिकल बीमा भी करवाना होता है। यहां यौन कर्मियों को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है और बाकायदा आईडी कार्ड जारी किया जाता है।