वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के समर्थन में उतरे मुस्लिम विद्वान, कहा- सरकार की नीयत पर शक नहीं करना चाहिए
Waqf Amendment Bill वक्फ संशोधन बिल को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच कई मुस्लिम विद्वानों ने इसका समर्थन किया है और इसे मुसलमानों के हित में बताया है। मुस्लिम विद्वानों ने कहा कि वक्फ संपत्तियां पिछड़े हुए मुसलमानों के लिए हैं लेकिन पिछले 70 सालों में राजनीतिक दलों और कुछ मुस्लिम नेताओं ने वक्फ को लेकर बहुत कुछ गलत किया है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। केंद्र सरकार के वक्फ बोर्ड (संशोधन) बिल को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं और प्रचारकों की एक अहम बैठक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित हुई है। इसमें केंद्र सरकार के वक्फ बोर्ड (संशोधन) बिल को लेकर मुस्लिम विद्वानों ने शुक्रवार को कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय को लाभ होगा। साथ ही, वक्फ संपत्ति के प्रबंधन और प्रशासन की क्षमता बेहतर होगी।
मुस्लिम धर्म के नेताओं की गुरुवार को हुई बैठक के बाद धर्म प्रचारक मोहम्मद कासमिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों के लिए फैसले ले रहे हैं। वक्फ संपत्तियां पिछड़े हुए मुसलमानों के लिए हैं, लेकिन पिछले 70 सालों में राजनीतिक दलों और कुछ मुस्लिम नेताओं ने वक्फ को लेकर बहुत कुछ गलत किया है।
'पीड़ित लोगों के लिए लाया गया है बिल'
उन्होंने कहा कि पीड़ित लोगों के लिए यह बिल लाया गया है, ताकि उनकी प्रगति के साथ-साथ देश भी प्रगति करे। उन्होंने कहा कि वह इस विधेयक का समर्थन करते हैं और देश के मुसलमानों से अपील करते हैं कि इसे नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखें और इसे पढ़ने के बाद इस पर सवाल जरूर पूछें।उन्होंने कहा कि सौ साल पुराने संगठन जमीयत उलेमा के खुद भी वक्फ की जमीन पर दो ऑफिस हैं। ऐसे हालात में जमीयत वक्फ बिल का समर्थन क्यों करेगी?धर्मगुरु ताहिर इस्माइल ने कहा कि सरकार की नीयत पर शक नहीं किया जाना चाहिए, जिस तरह से हर जिले में कुछ लोग वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जा जमाते जा रहे हैं, उन्हें हटाना चाहिए।
'राष्ट्रीय हित में है बिल'
उन्होंने कहा कि गरीब मुसलमानों को वह जमीन दी जानी चाहिए। इन जमीनों पर अस्पताल और कॉलेज बनाए जाने चाहिए थे, जो नहीं बनाए गए, लेकिन अब ऐसा लगता है कि सब कुछ ठीक होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड के अधिकारों का केवल दुरुपयोग किया गया है। जिन मुसलमानों को भी बिल में समस्या नजर आती हो उन्हें अपनी बात संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने रखनी चाहिए। यह बिल राष्ट्रीय हित में है और मुसलमानों को भी इससे फायदा है।मुस्लिम विद्वान नाजिया हुसैन ने कहा कि वक्फ बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने की बात कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रुख एकदम सही है। वक्फ बोर्ड बिल को जिस तरह से संशोधित किया जा रहा है, वह बहुत अहम है। इस बिल को पास होना चाहिए।