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डिब्रूगढ़ में मंगलवार को MV Ganga Vilas करेगा अपनी यात्रा का समापन, स्वागत समारोह में कई मंत्री रहेंगे मौजूद

दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास (MV Ganga Vilas) मंगलवार को असम के डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा। मालूम हो कि पीएम मोदी ने 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाई थी जिसके बाद यह रिवर क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू की थी। फोटो- PIB_Patna

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 25 Feb 2023 07:17 PM (IST)
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डिब्रूगढ़ में मंगलवार को MV Ganga Vilas करेगा अपनी यात्रा का समापन।

नई दिल्ली, पीटीआई। दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास (MV Ganga Vilas) मंगलवार को असम के डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा। मालूम हो कि पीएम मोदी ने 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाई थी, जिसके बाद यह रिवर क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू की थी। आईडब्ल्यूएआई ने अपने एक बयान में कहा कि एमवी गंगा विलास 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा।

डिब्रूगढ़ में आयोजित होगा स्वागत समारोह

IWAI के मुताबिक, 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल अन्य केंद्रीय और राज्य मंत्रियों के साथ शामिल होंगे।

दो वर्षों के लिए पहले ही बुक 

28 फरवरी को पटना साहिब, बोधगया, विक्रमशिला, ढाका, सुदरबन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के रास्ते डिब्रूगढ़ पहुंचने के बाद क्रूज 50 दिनों में 3,200 किमी की दूरी तय करेगा। मालूम हो कि क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता वाले तीन डेक और 18 सुइट हैं। यह अगले दो वर्षों के लिए आने-जाने के लिए पहले से ही बुक है।

कई धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का मिलता है अवसर 

बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि एमवी गंगा विलास क्रूज ने भारत और बांग्लादेश को दुनिया के नदी क्रूज मानचित्र पर प्रस्तुत किया है। भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन और माल ढुलाई के लिए एक नया क्षितिज और कार्यक्षेत्र खोल रहा है। आध्यात्मिकता की तलाश करने वाले पर्यटकों को काशी, बोध जैसे स्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलता है।

भारत और बंगलादेश के बीच माल ढुलाई के लिए नए अध्याय की शुरुआत

गया, विक्रमशिला, पटना साहिब और प्राकृतिक विविधता को देखने के इच्छुक लोग सुंदरवन और काजीरंगा जैसे स्थलों को कवर करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह मार्ग भारत और बंगलादेश दोनों के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल ढुलाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करता है।