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Namami Gange Mission: क्लीन गंगा मिशन के लिए आगे आए लोग, पीएम मोदी को मिले उपहारों की जमकर लगा रहे बोली

Namami Gange Mission क्लीन गंगा मिशन को लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ रही है। जब से पीएम मोदी ने ऐलान किया है कि वे अपने गिफ्ट की नीलामी से मिली आय को गंगा नदी की सफाई के लिए दान करेंगे लोग नीलामी में बोली लगाने के लिए आकर्षित हुए हैं।

By Achyut KumarEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 04:03 PM (IST)
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Namami Gange Mission: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के 'नमामि गंगे' कार्यक्रम के लिए उन्हें दिए गए उपहारों की ई-नीलामी से प्राप्त राशि का उपयोग करने के फैसले ने देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को इन वस्तुओं की बिक्री के लिए बोली लगाने के लिए आकर्षित किया है। उडुपी के चार्टर्ड अकाउंटेंट के रंगनाथ (K Ranganatha Achar) और रायपुर में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर संजीव जैन (Dr Sanjeev Jain) कने पीएम मोदी को मिले कुछ उपहार इस विश्वास के साथ खरीदा है कि यह पवित्र नदी को साफ करने में मदद करेगा।

पीने का पानी विश्व स्तर पर एक बड़ा मुद्दा

जैन ने कहा कि पीने का पानी विश्व स्तर पर एक बड़ा मुद्दा है और भारत में इसके लिए गंगा नदी से बड़ा कोई स्रोत नहीं है। वह 2019 से ई-नीलामी के माध्यम से विभिन्न वस्तुओं की खरीद कर रहे हैं और लगभग 3 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। उन्होंने 1.75 लाख रुपये में भगवान विष्णु की एक मूर्ति खरीदी, जो प्रधानमंत्री को उपहार में दी गई थी।

नीलामी में भाग लेने के लिए लोगों को किया प्रोत्साहित

के रंगनाथ ने पिछले साल भगवान कार्तिकेय (Lord Kartikeya) का एक चित्र (Portrait) खरीदा और कहा कि वह इस साल भी नीलामी में भाग लेंगे। उन्होंने कई अन्य लोगों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि वे पत्रित्र नदी को प्रदूषण से मुक्त कराना चाहते हैं। उन्होंने गंगोत्री (Gangotri) से पश्चिम बंगाल तक गंगा (Ganga) नदी की यात्रा की है, जहां यह बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में मिलती है।

पीएम मोदी के दृष्टिकोण की प्रशंसा 

रंगनाथ ने कहा, 'नदी की सफाई के लिए नीलामी की आय का उपयोग करना एक अनूठा विचार है। मैं प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की प्रशंसा करता हूं और इस कारण का समर्थन करने के लिए अपना काम करने के लिए नीलामी में भाग लेता हूं।'

2014 में शुरू हुआ 'नमामि गंगे' मिशन

2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने 'नमामि गंगे' मिशन, प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और गंगा के कायाकल्प के लिए एक एकीकृत संरक्षण मिशन शुरू किया था। अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस तरह के अभ्यास को सफल बनाने के लिए अक्सर जनभागीदारी पर जोर दिया है। देश-विदेश में उन्हें मिले उपहारों की ई-नीलामी की जाती है और नीलामी से प्राप्त राशि को नदी के कायाकल्प के लिए दान कर दिया जाता है।

पिछले साल नीलामी को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया

एक अधिकारी ने कहा, 'पिछले साल ई-नीलामी को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी, क्योंकि पूरे भारत के लोगों ने बेस प्राइस की तुलना में बहुत अधिक बोली लगाकर विभिन्न उपहारों और स्मृति चिन्हों को प्राप्त किया था।'