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Chandrayaan-3: NASA के अंतरिक्ष यान ने चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम का लगाया पता, एजेंसी ने कहा- 12 दिसंबर को भेजी गई थी तरंगे

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक यान ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर का सफलतापूर्वक पता लगा लिया है। अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि लेजर रोशनी को लूनर रेकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) और विक्रम लैंडर पर एक छोटे रेट्रोरिफ्लेक्टर के बीच प्रसारित और परावर्तित किया गया जिससे चंद्रमा की सतह पर लक्ष्य का सटीकता के साथ पता लगाने की एक नई शैली की भी जानकारी हुई।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 22 Jan 2024 07:07 PM (IST)
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NASA के अंतरिक्ष यान ने चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम का लगाया पता। फाइल फोटो।

पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक यान ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन के तहत भेजे गए विक्रम लैंडर का सफलतापूर्वक पता लगा लिया है। अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहे अंतरिक्ष यान ने विक्रम लैंडर की चंद्रमा पर स्थिति का सफलतापूर्वक पता लगाया।

12 दिसंबर को भेजी गई थी तरंगे

नासा के मुताबिक, लेजर रोशनी को लूनर रेकॉनिसेंस ऑर्बिटर (LRO) और विक्रम लैंडर पर एक छोटे रेट्रोरिफ्लेक्टर के बीच प्रसारित और परावर्तित किया गया, जिससे चंद्रमा की सतह पर लक्ष्य का सटीकता के साथ पता लगाने की एक नई शैली की भी जानकारी हुई।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि पिछले साल 12 दिसंबर को जब एलआरओ ने पिछले साल 12 दिसंबर को इसकी ओर लेजर तरंगें भेजीं थी, उस समय लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में मंजिनस क्रेटर के पास एलआरओ से 100 किलोमीटर दूर था।

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वैज्ञानिकों ने क्या कहा?

वैज्ञानिकों ने बताया कि चंद्रमा पर रिवर्स तकनीक का उपयोग करने के कई लाभ हैं। इस तकनीक में एक गतिमान अंतरिक्ष यान से लेजर तंरगों को लक्ष्य के सटीक स्थान को निर्धारित करने के लिए एक स्थिर अंतरिक्ष यान में भेजा जाता है। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में टीम का नेतृत्व करने वाले जियाओली सन ने कहा कि हमने प्रदर्शित किया है कि हम चंद्रमा की कक्षा से सतह पर अपने रेट्रोरिफ्लेक्टर का पता लगा सकते हैं।

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