Digital Shakti: पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हो रही साइबर हमले का शिकार, जानिए क्या है डिजिटल शक्ति अभियान
Digital Shakti 4.0 डिजिटल शक्ति अभियान के तीन चरण पूरे हो चुके है और अब चौथे चरण की शुरूआत की जा रही है। इस अभियान के जरिए महिलाओं और लड़कियों को साइबर हमले से बचाव के लिए जागरूक करेगी।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 16 Nov 2022 01:04 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ/न्यूजवॉयर। digital shakti 4.0: राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति अभियान के चौथे चरण की शुरुआत की है। अभियान का मकसद अखिल भारतीय स्तर पर साइबर जगत में महिलाओं को सशक्त और कुशल बनाना है। ये अभियान साइबरस्पेस फाउंडेशन, मेटा और ऑटोबोट इन्फोसेक के सहयोग से चलती है।
महिलाओं और लड़कियों के लिए डिजिटल शक्ति
डिजिटल शक्ति अभियान के तीन चरण पूरे हो चुके है और अब चौथे चरण की शुरूआत की जा रही है। इस अभियान के तहत महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल कुशलता हासिल होगी और साइबर हमले से बचाव के लिए जागरूक भी करेगी। डिजिटल शक्ति के लॉन्च के दौरान एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, मेजर विनीत कुमार, और साइबरपीस फाउंडेशन मेटा इंडिया के निदेशक और सार्वजनिक नीति के प्रमुख राजीव अग्रवाल भी शामिल थे।
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महिलाएं होती है सबसे ज्यादा साइबर हमले का शिकार
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि "भारत इंटरनेट का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। इसमें अधिकत्तर महिलाएं सबसे ज्यादा साइबर हमले का शिकार होती है। इस अभियान के अब अधिक से अधिक महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
सुरक्षित साइबर स्पेस के बारे में महिलाओं को जागरूक किया जा सके क्योंकि इसी तरह हमारे परिवार भी सुरक्षित रहेंगे।" दर्शकों को संबोधित करते हुए रेखा शर्मा ने कहा कि "हर क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस अभियान की शुरूआत की गई है। डिजीटल शक्ति का चौथा चरण महिलाओं के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस सुनिश्चित करेगा। भरोसा है कि परियोजना महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ साइबर हिंसा से लड़ने और इंटरनेट को उनके लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने के बड़े लक्ष्य की दिशा में योगदान करना जारी रखेगी।"
पूरे भारत में 1 मिलियन से अधिक महिलाओं को जागरूक करना
मेटा इंडिया के निदेशक राजीव अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल शक्ति 3 लाख से अधिक महिलाओं के लिए सक्षम रही है और चरण 4 के शुभारंभ के साथ, हमारा लक्ष्य पूरे भारत में 1 मिलियन से अधिक महिलाओं को ऑनलाइन सुरक्षित रहने के बारे में जागरूक करना है।लुधियाना में जन्में बलिदानी करतार सिंह सराभा को मात्र 19 साल में हुई थी फांसी, भगत सिंह मानते थे अपना नायक