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National Herald Case: 'ईडी 'शक्तियों' के इशारे पर काम कर रही है', सिब्बल ने कार्रवाई को बताया 'राजनीति में नया निचला स्तर'

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने नेशनल हेराल्ड अखबार और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लगभग 752 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और इक्विटी शेयर जब्त किए हैं। अस्थायी कुर्की आदेश तब आया जब पांच राज्यों छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव चल रहे हैं और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होने वाली है।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 22 Nov 2023 03:13 PM (IST)
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कपिल सिब्बल ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) की आलोचना की।
पीटीआई, नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) की आलोचना की। उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई को "राजनीति में नया निचला स्तर" बताया। कांग्रेस के पूर्व नेता सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि जांच एजेंसी "शक्तियों" के इशारे पर काम कर रही है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने नेशनल हेराल्ड अखबार और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लगभग 752 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और इक्विटी शेयर जब्त किए हैं। अस्थायी कुर्की आदेश तब आया जब पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव चल रहे हैं और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होने वाली है। एक्स पर एक पोस्ट में सिब्बल ने कहा, "यंग इंडियन (वाईआई), एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल), ईडी ने एजेएल की 752 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है।

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"आरोप?: एजेएल की संपत्ति के मालिक वाईआई शेयरधारक धोखाधड़ी और विश्वास का उल्लंघन हैं।"

"कानून?: शेयरधारक कभी नहीं होते हैं कंपनी की संपत्ति के मालिक। यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी कंपनी है। ईडी की कार्रवाई राजनीति में एक नया निचला स्तर है।"

पीटीआई से बात करते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा, "जब अज्ञानता आनंद है, तो बुद्धिमान होना मूर्खता है। मुझे नहीं लगता कि ईडी को कानून के बारे में अनभिज्ञ होना चाहिए। एक शेयरधारक एक शेयरधारक होता है, संपत्ति का स्वामित्व कंपनी के पास होता है।"

उन्होंने कहा, "अगर कंपनी परिसमापन में चली जाती है...शेयरधारक को कुछ नहीं मिलता है। तो किसने किसे धोखा दिया है? विश्वास का उल्लंघन कहां है? किसने साजिश रची? मुझे लगता है कि वे कानून जानते हैं। मुझे लगता है कि अदालतें भी कानून जानती हैं। इसलिए मैं मैं थोड़ा चकित हूं।"

सिब्बल ने कहा, "आज देश में जो हुआ है वह यह है कि ईडी सत्ता के निर्देशों पर काम कर रही है। दूसरी बात जो अधिक महत्वपूर्ण है वह यह है कि यह धारा 25 कंपनी है, यह लाभ के लिए नहीं है। यदि एजीएल बंद हो जाती है, तो यह किसी अन्य गैर-लाभकारी कंपनी के पास चली जाएगी। यंग इंडिया किसी अन्य गैर-लाभकारी कंपनी के पास चली जाएगी।"

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