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पाकिस्तान की मेडिकल की डिग्री भी भारत में नहीं होगी मान्य, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने छात्रों को दी सलाह

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने भारतीय छात्रों को पाकिस्तान के मेडिकल कालेजों में दाखिला नहीं लेने को कहा है। ऐसी ही सलाह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कुछ दिन पहले दिया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 01 May 2022 01:11 AM (IST)
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पाकिस्तान के मेडिकल कालेजों में भारतीय छात्रों को दाखिला नहीं लेने को कहा गया है। (File Photo)
नई दिल्‍ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission, NMC) ने भी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई नहीं करने की सलाह दी है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग यानी एनएमसी की ओर से जारी सार्वजनिक नोटिस विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के उस संयुक्‍त सुझाव के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि भारतीय छात्रों को पाकिस्तान में किसी भी कालेज या शैक्षणिक संस्थान में खुद को नामांकित नहीं कराना चाहिये। ऐसा करने वाले छात्र भारत में नौकरी खोजने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे।

एनएमसी की ओर से 29 अप्रैल को जारी सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि किसी भी भारतीय छात्र को पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए पंजीकरण नहीं करना चाहिए। कोई भारतीय छात्र या विदेश में बसे भारतीय नागरिक (ओसीआइ) अगर पाकिस्तान में किसी कालेज, विश्वविद्यालय या संस्थान में एमबीबीएस, बीडीएस या समकक्ष कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो उसे यह पता होना चाहिए कि वहां की डिग्री के आधार पर वह भारत में नौकरी या एफएमजीई परीक्षा के लिए पात्र नहीं होगा।

हालांकि साल 2018 से पहले इस तरह की डिग्री रखने वाले छात्रों को केंद्रीय गृह मंत्रालय से विशेष अनुमति के बाद इसमें छूट मिल सकती है। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए फारेन मेडिकल ग्रेजुएट्स इग्जामिनेशन-नेशनल एग्जिट टेस्ट (एफएमजीई-एनईएक्सटी) पास करना होता है। हालांकि, पाकिस्तान में उच्च शिक्षा की डिग्री लेने वाले शरणार्थियों और उनके बच्चों को गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद एफएमजीई परीक्षा में बैठने की छूट है।

इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने भी भारतीय छात्रों को आगाह किया था। दोनों नियामकों ने कहा था कि भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए पाक का रुख ना करें क्योंकि वहां की डिग्री भारत में मान्य नहीं है। हालांकि दोनों नियामकों ने पाक से आए शरणार्थियों को इसमें राहत भी दी थी। नियमकों ने कहा था कि ऐसे शरणार्थी जिन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है उनकी उच्च शिक्षा की डिग्रियों को गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद भारत नौकरियों के लिए योग्‍य माना जा सकता है।