'AI अपने साथ लाया कई तरह की चुनौतियां और सवाल', उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फेक न्यूज पर जताई चिंता
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फेक न्यूज पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर एआइ में नुकसान पहुंचाने की क्षमता है लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि यह तकनीक यहां रहेगी और हमें बदलते परिदृश्य के अनुरूप ढलना होगा। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि एआइ मॉडल अपने ट्रेनिंग डाटा के साथ पक्षपात को न अपना लें।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फेक न्यूज पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि इसके कारण लोगों का मीडिया पर भरोसा कम हुआ है। धनखड़ के मुताबिक, मीडिया आज के समय जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है वह है घटती विश्वसनीयता। वहीं, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत विरोधी मानसिकता के साथ काम कर रहे कुछ मीडिया को लेकर आगाह किया।
केवल सत्य बताना मीडिया का दायित्वः उपराष्ट्रपति
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह मीडिया का नैतिक दायित्व है कि वह केवल सत्य बताए, इसके अलावा और कुछ नहीं। उनका कहना था कि वास्तव में यह जिम्मेदारी मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति की है कि वे सत्य पर डटे रहें। यह मीडिया के अपने हित में है कि वह विश्वसनीय बना रहे।
We must do all we can to help our young professionals, whose passion is journalism and mission is truth, to draw the attention of all concerned to ground realities.#NationalPressDay pic.twitter.com/afjgM4gXJm— Vice President of India (@VPIndia) November 16, 2023
AI की चुनौती को समझने की जरूरत: उपराष्ट्रपति धनखड़
धनखड़ ने कहा कि मीडिया को यह सोचना चाहिए कि लोग उससे विमुख हो रहे हैं। यह दीवार पर लिखी इबारत की तरह-एक कठिन सच्चाई है। धनखड़ ने हाल के समय में एआइ जैसी चुनौतियों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इसने अवसरों के साथ समाज के समक्ष समस्याएं भी उत्पन्न की हैं। हमें मीडिया के समस्त परिदृश्य में एआइ की चुनौती को समझने की जरूरत है।
AI के दुरुपयोग के विरुद्ध सुरक्षा भी प्रदान करनी होगी- धनखड़
धनखड़ ने कहा कि अगर एआइ में नुकसान पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि यह तकनीक यहां रहेगी और हमें बदलते परिदृश्य के अनुरूप ढलना होगा। अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए एआइ की परिवर्तनकारी क्षमता को एक उपकरण के रूप में नियोजित करना होगा। साथ ही इसके दुरुपयोग के विरुद्ध सुरक्षा भी प्रदान करनी होगी। धनखड़ ने कहा कि एआइ भले ही एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, लेकिन यह मानवीय स्पर्श, सत्य के लिए प्रतिबद्धता और पत्रकारों का अटूट समर्पण है, जो मीडिया को हमारे समाज में अच्छाई के लिए ताकत बनाता रहेगा।
एआई की सीमाओं को समझने की जरूरतः अनुराग ठाकुर
प्रेस परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग ने एक नया परिदृश्य उपस्थित किया है, जहां एआइ का समाचार सामग्री तैयार करने में जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। एआइ ने निश्चित रूप से नई दिशा दी है, लेकिन इसकी सीमाओं को भी समझने की जरूरत है। एआइ अपनी जगह है, लेकिन एक संपादक अपने वर्षों के अनुभव, परिप्रेक्ष्य की समझ और दूरदृष्टि के कारण हमेशा एक कदम आगे रहेगा।
तेजी से आगे बढ़ रहा भारतः ठाकुर
ठाकुर ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि एआइ माडल अपने ट्रेनिंग डाटा के साथ पक्षपात को न अपना लें। केंद्रीय मंत्री ने उन लोगों और संगठनों के प्रति भी आगाह किया, जो लगातार भारत के खिलाफ जानबूझकर नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिशों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से प्रगति कर रहा है, लेकिन पश्चिम के कुछ उन लोगों और संगठनों की ओर से हम आंखें नहीं फेर सकते जो भारत की भावना को नीचा दिखाना चाहते हैं।
भारतीय मीडिया को हमारे राष्ट्र के हितों की रक्षा करनी चाहिए- अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने मीडिया को आगाह करते हुए कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां एक बटन दबाकर गलत सूचना को बढ़ा-चढ़ाकर फैलाया जा सकता है। हमारी सरकार मीडिया को एक विवेकशील दृष्टिकोण अपनाने, सनसनी फैलाने के नुकसान से बचने और हमारे समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने वाली धारणाओं से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय मीडिया को हमारे राष्ट्र के हितों की रक्षा करनी चाहिए। हमारी एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले भारत विरोधी विचारों को स्थान देने से बचना चाहिए।
राष्ट्र की सेवा में अपनी भूमिका निभाए मीडिया- एल मुरुगन
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने भारतीय प्रेस परिषद की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रेस निष्पक्ष एवं जिम्मेदार तरीके से पत्रकारीय नैतिकता व मानकों का पालन करते हुए राष्ट्र की सेवा में अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने मीडिया से भीतर और बाहर दोनों जगह हो रहे बदलावों को लगातार अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कॉपीराइट, रचनात्मकता, मौलिकता और साहित्यिक चोरी के मामलों में एआई के अतिक्रमण के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य तकनीक की तरह, एआई को भी नैतिक मानवीय निगरानी की आवश्यकता है।
जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने क्या कहा?
जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने इस अवसर पर कहा कि जो मीडिया संगठन तकनीक को मानवीय प्रतिभा में बढ़ोतरी का माध्यम मानते हैं, न कि उसका स्थानापन्न, वे अपने काम को और बेहतर ढंग से करने में सफल रहे हैं। हालांकि, अमिताभ कांत ने एआइ के अनियंत्रित इस्तेमाल के खतरों के प्रति आगाह भी किया। कार्यक्रम में प्रेस परिषद की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई भी मौजूद थीं।
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(डिस्क्लेमर: यह खबर 16 तारीख को फाइल की गई थी, इस खबर में जरूरी अपडेट किए गए हैं।)