राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020: 'सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी' में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर, राजस्थान को मिला दूसरा दर्जा तो तमिलनाडु तीसरे स्थान पर
राष्ट्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश को बड़ा सम्मान मिला है। शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 की घोषणा की जिसमें यूपी ने बाजी मार ली है जबकि राजस्थान दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर हैं।
By Ashisha RajputEdited By: Updated: Sat, 08 Jan 2022 09:04 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश को बड़ा सम्मान मिला है। शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 की घोषणा की, जिसमें
यूपी ने बाजी मार ली है। 'सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी' में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है, इसके बाद राजस्थान को दूसरा दर्जा मिला है और तमिलनाडु ने तीसरा स्थान अपने नाम किया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की घोषणा
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 की घोषणा की। इस घोषणा में उत्तर प्रदेश का परचम सबसे ऊपर लहरा रहा है, जबकि राजस्थान दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर हैं। इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा, 'भारत की वर्तमान पानी की आवश्यकता प्रति वर्ष लगभग 1,100 बिलियन क्यूबिक मीटर होने का अनुमान है, जो 2050 तक 1,447 बिलियन क्यूबिक मीटर तक जा सकती है। जबकि भारत में दुनिया की आबादी का 18 फीसद से अधिक है, इसके पास दुनिया के नवीकरणीय जल संसाधनों का केवल 4 फीसद है।'
केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 (एनडब्ल्यूए) के बारे में बताते हुए सरकार का दृष्टिकोण सामने रखा। उन्होंने कहा कि 'जल समृद्ध भारत' के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए देश भर में राज्यों, जिलों, व्यक्तियों, संगठनों आदि द्वारा बेहतरीन कार्य और प्रयास किए जा रहे हैं, जिसे सबके सामने लाने के लिए और उन्हें प्रोत्साहित करने लिए यह सम्मान स्थापित किया गया था।
मुजफ्फरनगर में उत्तर प्रदेश को 'सर्वश्रेष्ठ जिले' के रूप में सम्मानित किया गया है, इसके बाद शहीद भगत सिंह नगर, पंजाब को उत्तरी क्षेत्र में रखा गया है। वहीं केरल में तिरुवनंतपुरम, बिहार में पूर्वी चंपारण और मध्य प्रदेश में इंदौर को क्रमशः दक्षिण, पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों में 'सर्वश्रेष्ठ जिला' के रूप में सम्मानित किया गया, जबकि असम में गोलपारा को उत्तर-पूर्व क्षेत्र में 'सर्वश्रेष्ठ जिला' के रूप में सम्मानित किया गया है।।
केंद्रीय मंत्री ने सामने रखी यह बातें: केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सतही जल और भूजल जल चक्र का एक अभिन्न अंग हैं, जल संसाधन प्रबंधन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए हितधारकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश राष्ट्रीय जल पुरस्कार स्थापित करना आवश्यक समझा गया।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार से लोगों के भीतर पानी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया गया है और उन्हें सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
कब और कैसे शुरु हुआ राष्ट्रीय जल पुरस्कारआपको बता दें कि पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।राष्ट्रीय जल पुरस्कारों ने स्टार्ट-अप के साथ-साथ प्रमुख संगठनों को वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और विचार-विमर्श करने का एक अच्छा अवसर प्रदान किया है, जिसका उद्देश सर्वोत्तम जल संसाधन और प्रबंधन को अपनाने का है। जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करने और विशेष सम्मान देने के लिए इस पुरस्कार को स्थापित किया गया है, जिसके अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय राज्यों, संगठनों, व्यक्तियों आदि को 11 विभिन्न श्रेणियों में 57 पुरस्कार सम्मान दिया जाता है। इस पुरस्कार के साथ-साथ विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद इनाम भी दिया जाता है। आपको बता दें कि इन अवार्ड्स की सूची में बेस्ट स्टेट, बेस्ट डिस्ट्रिक्ट, बेस्ट अर्बन लोकल बॉडी, बेस्ट मीडिया (प्रिंट एंड इलेक्ट्रॉनिक), बेस्ट स्कूल, बेस्ट इंस्टीट्यूशन / आरडब्ल्यूए / कैंपस, बेस्ट ग्राम पंचायत, बेस्ट इंडस्ट्री, बेस्ट एनजीओ, बेस्ट वाटर यूजर एसोसिएशन और बेस्ट इंडस्ट्री सीएसआर शामिल है।