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लक्षद्वीप में INS जटायु बना नौसेना का नया बेस, PAK-चीन पर रहेगी पैनी नजर; हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन क्षमता भी बढ़ेगी

भारतीय नौसेना ने बुधवार को मिनिकाय द्वीप पर अपना नया बेस आईएनएस जटायु शुरू किया। यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्षद्वीप द्वीपसूमह में नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यूनिट का नाम महाकाव्य रामायण के उस पौराणिक प्राणी (जटायु) के नाम पर रखा गया था जिसने सीता के अपहरण को रोकने की कोशिश की थी।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 06 Mar 2024 08:39 PM (IST)
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मिनिकाय द्वीप में नौसेना का नया बेस शुरू (फोटो: एएनआई)
पीटीआई, मिनिकाय। भारतीय नौसेना ने बुधवार को मिनिकाय द्वीप पर अपना नया बेस 'आईएनएस जटायु' शुरू किया। यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्षद्वीप द्वीपसूमह में नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगा। इस नौसैनिक बेस से हिंद महासागर क्षेत्र में पाक, चीन, मालदीव की गतिविधियों पर न केवल नजर रखी जा सकेगी, बल्कि समुद्री लुटेरों और ड्रग्स तस्करी पर भी लगाम कसने में मदद मिलेगी।

आईएनएस जटायु की तैनाती का मकसद हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को नियंत्रित करना भी है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बुधवार को यहां आयोजित एक समारोह में इस नए बेस की शुरुआत की। जटायु को कमांडेंट व्रत बघेल की कमान में नियुक्त किया गया है। हालांकि, 1980 के दशक से ही लक्षद्वीप के सबसे दक्षिणी द्वीप मिनिकाय में भारतीय नौसेना की मौजूदगी रही है, लेकिन आईएनएस जटायु को द्वीपसमूह में नौसेना का दूसरा पूर्ण अड्डा माना जाएगा।

नौसेना प्रमुख ने क्या कुछ कहा?

इससे पहले 2012 में कवरत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक को पहले नौसेना अड्डे के रूप में स्थापित किया गया था। यहां यह भी बता दें कि मिनिकाय द्वीप उस समुद्री रास्ते पर स्थित है, जिसे विश्व का प्रमुख समुद्री राजमार्ग माना जाता है। आईएनएस जटायु के जलावतरण के बाद मिनिकाय में मौजूद जनों को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा,

यूनिट का नाम महाकाव्य रामायण के उस पौराणिक प्राणी (जटायु) के नाम पर रखा गया था जिसने सीता के अपहरण को रोकने की कोशिश की थी।

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उन्होंने कहा कि रामायण में जटायु सीता के अपहरण के बाद प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले प्राणी थे और उन्होंने अपने स्वयं के जीवन को खतरे में डालकर अपने कर्तव्य का पहले पालन दिया। इसलिए इस यूनिट का नाम जटायु रखा गया है। यह मजबूत सुरक्षा निगरानी और निस्वार्थ सेवा प्रदान करने की भावना की प्रतीक है।

'जटायु ने भगवान राम को दी सटीक जानकारी'

नौसेना प्रमुख ने कहा कि जटायु ने भगवान राम को सटीक जानकारी दी और उसी के आधार पर सीता जी की खोज हो पाई। इसी तरह, यह यूनिट पूरे क्षेत्र में अच्छी समुद्री डोमेन जागरूकता बनाए रखते हुए भारतीय नौसेना को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने कहा,

अंडमान में पूर्व में तैनात आईएनएस बाज और अब पश्चिम में आईएनएस जटायु हमारे आंख और कान के रूप में काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि मौजूदा बदलते भू-राजनीतिक घटनाक्रम के बीच निगरानी बढ़ाना बेहद जरूरी है। एक अधिकारी ने बताया कि आईएनएस जटायु की तैनाती से हमें क्षेत्र में विरोधियों की सैन्य और वाणिज्यिक गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।

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लक्षद्वीप और मिनिकाय द्वीपों पर नौसैनिक और हवाई सुविधाओं के उन्नयन से न केवल भारतीय समुद्री वाणिज्य सुरक्षित होगा, बल्कि बुनियादी ढांचे का उन्नयन भी होगा। इस कदम से केरल के पश्चिम में 400 किलोमीटर दूर स्थित द्वीप श्रृंखला में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां यह भी बता दें कि भारत ने पिछले दिनों ही मारीशस के अगालेगा द्वीप पर एक हवाई पट्टी और एक जेट्टी का उद्घाटन किया है।