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अब बच्चे पढ़ेंगे चंद्रयान सहित देश पर गर्व करने वाली कहानियां, NCERT ने लांच की तीसरी और छठी की नई किताबें

NCERT नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई को रोचक बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में एनसीईआरटी ने तीसरी और छठी कक्षा के लिए नई किताबें लांच की हैं जिसमें रोचक तरीके से छात्रों को जानकारी देने का प्रयास किया गया है। चंद्रयान अभियान से जुड़ी कहानी से लेकर देश पर गर्व करने वाले कविताएं और भारत को जानने-समझने वाली विषय वस्तु पढ़ने को मिलेगी।

By arvind pandey Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 07 Aug 2024 10:04 PM (IST)
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किताबों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया गया है। (File Image)

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। बच्चों को पढ़ाई के दबाव से निकालने और उन्हें खेल-खेल में पढ़ाने का जो सपना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिए देखा गया था, अब वह आकार लेने लगा है। स्कूली शिक्षा के स्तर पर तीसरी और छठवीं कक्षा के लिए एनईपी के तहत नई पाठ्यपुस्तकें बाजार में उतार दी गई हैं, जिसमें बच्चों को चंद्रयान अभियान से जुड़ी रोचक कहानी से लेकर देश पर गर्व करने वाले कविताएं, जीवन मूल्यों, पारिवारिक जुड़ाव को बढ़ाने वाले पाठ के साथ भारत को अच्छी तरह से जानने-समझने वाली विषय वस्तु पढ़ने को मिलेगी।

हालांकि, एनईपी के तहत अभी सिर्फ तीसरी व छठवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकें ही तैयार होकर आईं हैं। बाकी अन्य कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें भी चरणबद्ध तरीके से अगले दो सालों में लाई जानी है। एनसीईआरटी की मानें तो इनमें से सभी किताबों को तैयार करने का काम अंतिम चरण में चल रहा है।

रोचक नामों के साथ आईं किताबें

इस बीच जिन दो कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें सामने आई हैं, उसमें तीसरी कक्षा का गणित विषय की पाठ्यपुस्तक सबसे रोचक है, जिसका नाम 'गणित मेला' दिया गया है और वह बच्चों के कौतूहल को ठीक वैसे ही बढ़ाने वाली है, जैसे मेले में बच्चे हर खिलौने को देखकर इतराने लगता है।

इनमें वैसे तो 14 पाठ है, लेकिन प्रत्येक पाठ का नाम रोचक है। पहले पाठ का नाम है 'नाम में क्या है?' तो वहीं अन्य पाठों के नाम 'दोहरा शतक', 'नानी मां के साथ छुट्टियां', 'कुछ लेना कुछ देना', 'सूरजकुंड मेला' जैसे नाम है। इतना ही नहीं, तीसरी कक्षा के बच्चों को चंद्रयान मिशन की कहानी जिस अंदाज में परोसा गया है, वह बच्चों के मन-मस्तिष्क पर सदैव के लिए छप जाने वाली है।

इसी सत्र से पढ़ सकेंगे किताब

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक एनसीईआरटी की तीसरी और छठवीं कक्षा की सभी पाठ्यपुस्तकें बाजार में आ गई है, जिन्हें छात्र इस सत्र से ही पढ़ सकते है। राज्यों को भी इन पाठ्यपुस्तकों को अपनाने का सुझाव दिया गया है। गौरतलब है कि स्कूलों के लिए नई पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने का काम जुलाई 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किए जाने के बाद शुरू किया गया था।

'भारत को क्यों विदेशियों ने इंडिया नाम दिया?'

देश के भारत और इंडिया नाम को लेकर जब अक्सर राजनीति होती रहती है, ऐसे में छठवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक में एनसीईआरटी ने 'इंडिया, दैट इज भारत' नाम से एक पाठ रखा है, जिसमें बताया है कि देश का प्राचीन नाम क्या है। साथ ही देश का इंडिया नाम कैसे विदेशियों ने रखा। इसके साथ ही इनमें देश की संस्कृति और उसके इतिहास की भी पूरी जानकारी दी गई है।