'लोकतंत्र की हत्या, देश में अघोषित इमरजेंसी है', 143 सांसदों के निलंबन पर भड़कीं NCP सांसद सुप्रिया सुले
पार्लियामेंट के दोनों सदनों से सांसदों का निलंबन जारी है। वर्तमान में चल रहे शीतकालनीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से कुल मिलाकर 143 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई को लेकर एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों का थोक में निलंबन करना लोकतंत्र की हत्या है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 21 Dec 2023 04:38 PM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। पार्लियामेंट के दोनों सदनों से सांसदों का निलंबन जारी है। वर्तमान में चल रहे शीतकालनीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से कुल मिलाकर 143 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई को लेकर एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों से विपक्षी सांसदों का थोक में निलंबन करना 'लोकतंत्र की हत्या' है। बता दें कि सुप्रिया सुले लोकसभा सांसद हैं, जो खुद भी निलंबित हुई हैं।
देश में अघोषित आपातकाल- सुले
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, सुप्रिया सुले ने सांसद ने मौजूदा स्थिति की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी से की। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे एक अघोषित आपातकाल लगा दिया गया हो। सब कुछ फिर से वैसे ही थोप दिया गया है।देश संविधान से चलता है
उन्होंने कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है, संविधान का अपमान है। देश संविधान से चलता है और जिस तरह से सांसदों को निलंबित किया गया है मैं उसकी निंदा करती हूं। ऐसा लगता है कि देश में आपातकाल लगा दिया गया है।"
बिना विपक्ष के लाए गए तीन विधेयक
सुप्रिया सुले ने कहा कि औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयकों- भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक का विपक्ष की गैरमौजूदगी में पास करवाया गया है। लोकसभा में 97 विपक्षी सांसदों के बिना बिल पास करवाना अलोकतांत्रिक है।