NCPCR 11 अप्रैल से 31 मई तक मनाएगा परीक्षा पर्व 4.0, छात्रों के तनाव को कम करने में मिलेगी मदद
छात्रों को परीक्षा के दौरान तनावपूर्ण समय में असहज और भ्रमित करने वाले विचारों से उभरने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग 11 अप्रैल से 31 मई तक परीक्षा पर्व 4.0 मनाएगा। इस पर्व की माध्यम से छात्रों के तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलेगी।
By Ashisha RajputEdited By: Updated: Mon, 11 Apr 2022 02:15 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' से प्रेरणा लेते हुए, और परीक्षाओं को एक आनंदमय प्रक्रिया बनाने की दिशा में अपने प्रयास को जारी रखते हुए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) 11 अप्रैल, 2022 से परीक्षा पर्व- 4.0 मनाने जा रहा है। परीक्षा देने वाले छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को अपने विचार साझा करने और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करने के लिए यह मंच अवसर करता है।
यही नहीं परीक्षा पर्व से छात्रों के मन से तनाव और चिंता को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।पर्व 4.0 की शुरुआत 11 अप्रैल 2022 होगी, जो 31 मई 2022 तक जारी रहेगी। इस बात की जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।
इस वर्ष परीक्षा पर्व- 4.0 में छात्रों के अलावा शिक्षकों और अभिभावकों तक भी पहुंचने का उद्देश्य रखा गया है, जिसके तहत एक बहुआयामी दृष्टिकोण का पालन किया जाएगा।
परीक्षा पर्व 4.0 में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी:-
- एनसीपीसीआर के फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और दूरदर्शन नेशनल और न्यू इंडिया जंक्शन के यूट्यूब पर 11 अप्रैल 2022 से 31 मई 2022 तक लाइव स्ट्रीमिंग किया जाएगा। ताकि परीक्षा परिणाम से पहले छात्रों अपने परीक्षा तनाव और चिंताओं को कम करने के लिए विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर सकें।
- SAMVEDNA-(1800-121-2830) कोविड-19 से संबंधित तनाव के लिए प्रशिक्षित काउंसलर द्वारा NCPCR की एक टोल-फ्री टेली परामर्श सेवा उपलब्ध होगी, जिसे अब छात्रों को परीक्षा और परिणाम से संबंधित प्रश्नों, तनाव और चिंता से निपटने के लिए विस्तारित किया जाएगा।
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं होगा जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) यह पर्व मना रहा है बल्कि इससे पहले एनसीपीसीआर 2019 से अपने अभियान 'परीक्षा पर्व' के साथ परीक्षा का जश्न मना रहा है, जिसका उद्देश्य परीक्षा के तनाव से छात्रों के दृष्टिकोण को बदलना और एक मंच पर परीक्षा परिणाम से पहले उनकी चिंता को दूर करना है। इस पर्व के जरिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का मार्गदर्शन किया जाता है। साथ ही साथ उन्हें परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव दिया जाते हैं।