Move to Jagran APP

यूपी जैसे 14 बड़े राज्यों में घट रहा वन घनत्व, सीएसई की रिपोर्ट में सामने आई इसकी वजह, आप भी जानें

झारखंड पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन घनत्व घट रहा है। इसी वजह से इन राज्यों के वन क्षेत्र में कार्बन अवशोषण क्षमता भी घट रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 09 Aug 2021 12:03 AM (IST)
Hero Image
झारखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों में वन घनत्व घट रहा है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। सरकारी स्तर पर हरित क्षेत्र बढ़ाने के दावे भले ही किए जाते रहे हों, लेकिन बहुत बार पौधारोपण कागजों में ही कर दिया जाता है। शायद इसीलिए झारखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन घनत्व घट रहा है। इसी वजह से इन राज्यों के वन क्षेत्र में कार्बन अवशोषण क्षमता भी घट रही है। हालांकि, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल में कार्बन सोखने की क्षमता में इजाफा दर्ज किया गया है।

संसाधनों का हो रहा अत्यधिक दोहन

सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की हालिया रिपोर्ट 'स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट 2021 : इन फिगर' में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट बताती है कि भारतीय वन लकड़ी एवं गैर लकड़ी वन उत्पाद के रूप में पारिस्थितिकी सेवाएं देते हैं। कई बड़े राज्यों में ये सेवाएं घट रही हैं जो इस बात का प्रमाण है कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है। 2015-16 के मुकाबले 2016-17 और 2017-18 में खासतौर पर यह कमी स्पष्ट रूप से देखने को मिली है।

ऐसे होती है इनकी माप

वन पारिस्थितिकी सेवाओं में मुख्यतया तीन तत्व होते हैं-

  • लकड़ी : इसे वनों से प्राप्त लकड़ी जैसी पारिस्थितिक तंत्र से जोड़ा जाता है।
  • गैर लकड़ी वन उत्पाद : भोजन में प्रयोग होने वाले पौधे, पेय पदार्थ, चारा, ईंधन, दवाएं, फाइबर, जैव रसायन, शहद, रेशम, इत्यादि।
  • कार्बन अवशोषण : इससे अभिप्राय कार्बन को सोखकर उसके बदले दी जाने वाली स्वच्छ वायु से है।
तीनों श्रेणियों में स्थिति (फीसद में)

राज्य- लकड़ी-वन उत्पाद-कार्बन अवशोषण

हिमाचल प्रदेश 48 -34 52

छत्तीसगढ़ 42 -16 -9

राजस्थान 34 -30 28

बंगाल 31 -34 -4

पंजाब 31 -38 -12

दिल्ली 31 -37 38

बिहार 31 -25 06

मध्य प्रदेश 29 -29 -10

उत्तर प्रदेश 25 -34 -2

झारखंड 25 -45 -15

उत्तराखंड 24 -40 38

हरियाणा 19 -92 -11

जम्मू कश्मीर 30 -30 50

नीतिगत खामियां जिम्‍मेदार

इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर नीतिगत खामियां जिम्मेदार हैं। राज्य सरकारों को अपनी नीतियों और कार्यशैली में सुधार करना चाहिए। कार्बन अवशोषण पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। सिर्फ हरित क्षेत्र बढ़ाने के बजाय वन क्षेत्र का घनत्व भी बढ़ाया जाना जरूरी है। यह रिपोर्ट एक आईने की तरह है, जिसे आधार बनाकर भविष्य की कारगर नीतियां बनाई जानी चाहिए।

- सुनीता नारायण, महानिदेशक, सीएसई