कलाम की 93वीं जयंती: जब अटल ने दिया मंत्री बनने का प्रस्ताव तो.. राष्ट्रपति भवन में परिवार के खर्च का रखा पूरा हिसाब
देश के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज यानी 15 अक्टूबर को 93वीं जयंती है। कलाम के जन्मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए आज हम आपको बताते हैं अपने कलाम साहब से जुड़े के जीवन से जुड़े रोचक किस्से जिनसे उनकी सादगी सौम्यता समर्पण और ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। यहां पढ़िए...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 15 अक्टूबर यानी आज जयंती है। सादगी, सौम्यता, समर्पण और ईमानदारी की मिसाल रहे डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित धनुषकोडी में हुआ था।
डॉ. कलाम ने देश के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एसएलवी-3 को विकसित करने के लिए निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। कलाम की जयंती पर आइए हम आपको बताते हैं, उनकी निजी जिंदगी से जुड़े कुछ बेहद अहम और सीख देने वाले किस्से...
किस्सा नंबर-1: ऐसे बना 'कलाम सूट'
बात उन दिनों की है, जब 25 जुलाई 2002 डॉ. कलाम राष्ट्रपति बने थे। दर्जी कलाम के लिए बंद गले के सूट लेकर आए थे, लेकिन कलाम को ये सूट पसंद नहीं आए। कलाम ने कहा- मैं तो इसको पहनकर सांस ही नहीं ले सकता। दर्जी परेशान होकर सोचने लगे कि क्या किया जाए। तब कलाम ने सलाह दी- आप इसे गर्दन के पास से थोड़ा काट दीजिए। इसके बाद दर्जी ने वैसा ही किया। फिर क्या था कलाम के इस कट सूट को 'कलाम सूट' कहा जाने लगा।गूगल ट्रेंड में टॉप पर कलाम
आज डॉक्टर कलाम की आज जयंती है। इस मौके पर गूगल ट्रेाड पर सुबह से ही एपीजे अब्दुल कलाम बर्थडे ट्रेंड में बना हुआ है।
किस्सा नंबर-2: जब अटल ने लगाया गले, दिया मंत्री बनने का प्रस्ताव
पत्रकार राज चेंगप्पा ने अपनी किताब 'वेपंस ऑफ पीस' जिक्र किया है। यह किस्सा भी डॉ कलाम से जुड़ा है। दरअसल, एक बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब कलाम का अटल बिहारी वाजपेयी से परिचय कराया तो उन्होंने कलाम से हाथ मिलाने की बजाए उन्हें गले लगा लिया था।
इसके बाद जब अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने कलाम को अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्योता दिया था, लेकिन डॉ. कलाम ने विनम्रतापूर्वक इस पद को अस्वीकार कर दिया था। कलाम ने कहा था- 'रक्षा शोध और परमाणु परीक्षण कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। वो अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों को निभाकर देश की बेहतर सेवा कर सकते हैं।'