महाराष्ट्र और झारखंड में नामांकन की आखिरी तारीख कल, आयोग बढ़ाएगा सख्ती; उतारे जाएंगे विशेष पर्यवेक्षक
महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में मंगलवार को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। इसी के निर्वाचन आयोग दोनों राज्यों में जल्द ही विशेष पर्यवेक्षकों की भी तैनाती कर देगा। आयोग पहले से ही दोनों राज्यों में कड़ी निगरानी कर रहा है। आयोग ने वैसे तो दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही अपनी निगरानी बढ़ा दी थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का दंगल सजने के साथ ही निर्वाचन आयोग ने दोनों ही राज्यों में अपनी निगरानी और बढ़ा दी है। इसके तहत दोनों राज्यों में जल्द ही विशेष पर्यवेक्षकों की भी तैनाती दी जाएगी।
महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही राज्यों में मंगलवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम तारीख खत्म होने के साथ इसे अंजाम दिया जाएगा। विशेष पर्यवेक्षकों में पुलिस और आय-व्यय को जांचने वाले पर्यवेक्षक भी रहेंगे।
आयोग ने वैसे तो दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही अपनी निगरानी बढ़ा दी थी। इस दौरान दोनों राज्यों की प्रत्येक विधानसभा में पर्यवेक्षकों की तैनाती दी गई थी।
सूत्रों की मानें तो दोनों राज्यों में जिस तरह से सियासी हलचल बढ़ी हुई है, उनमें विशेष चौकसी रखने की जरूरत है। यही वजह है कि आयोग ने दोनों राज्यों के प्रत्येक जिलों और विधानसभा में सख्त निगरानी का तंत्र खड़ा करने में जुटी है।्
आयोग ने पिछले हफ्ते ही की थी बैठक
आयोग ने पिछले दिनों ही देश के करीब 625 सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों के साथ इसे लेकर बैठक की है। माना जा रहा है कि इनमें बड़ी संख्या में अधिकारियों की सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनाती दे गई है। वहीं बाकी अधिकारियों को जल्द ही विशेष पर्यवेक्षक के रूप में तैनाती देने की तैनाती है।कब होगी वोटिंग और कब आएंगे रिजल्ट
बता दें कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर जहां दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान है, वहीं महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान है। दोनों राज्यों का चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आएगा।
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्यों की संख्या है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने वाला है। पिछले विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल किया, लेकिन आंतरिक विरोध के कारण शिवसेना ने गठबंधन छोड़ दिया।शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ एक नया गठबंधन महा विकास अघाड़ी बनाया। महा विकास अघाड़ी ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के साथ राज्य में सरकार बनाई। हालांकि, कुछ दिनों बाद ही उद्वव ठाकरे की सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी।
वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होने वाला है। राज्य विधानसभा में सदस्यों की संख्या 81 है। बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 41 सीटें लाना जरूरी है।