2022 तक देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को करना होगा ये बड़ा बदलाव, नहीं तो लग जाएगा ताला
Emergency departments in Medical college इमरजेंसी विभाग नहीं खोलने वाले मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस की पढ़ाई कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:54 PM (IST)
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। Emergency departments in Medical college: अब देश के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए इमरजेंसी विभाग खोलना अनिवार्य होगा। इमरजेंसी विभाग नहीं खोलने वाले मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस की पढ़ाई कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एमसीआइ का कामकाज संभाल रहे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने यह फैसला किया है। इसके अनुसार सभी मेडिकल कॉलेजों को 31 मार्च 2022 तक एमसीआइ के मापदंड के अनुरूप इमरजेंसी विभाग खोलना होगा।
बड़ी संख्या में होती है इमरजेंसी की जरूरतउच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार देश में बड़ी संख्या में हो रही सड़क दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं में घायल और महामारी के शिकार मरीजों को इमरजेंसी चिकित्सा की जरूरत होती है। जीवन और मौत के बीच झूल रहे मरीजों की जान समय पर विशेषज्ञ डाक्टरों का इलाज मिलने से बचाया जा सकता है। जिसकी फिलहाल देश में भारी कमी है। इसे दूर करने के लिए सभी सरकारी व मेडिकल कॉलेजों में एमसीआइ की गाइडलाइंस के अनुरूप अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस इमरजेंसी विभाग को खोलना अनिवार्य किया गया है।
इमरजेंसी इलाज की विशेषज्ञता की पढ़ाई शुरू करने का प्रावधानइसके साथ ही मेडिकल शिक्षा में इमरजेंसी इलाज की विशेषज्ञता की पढ़ाई शुरू करने का प्रावधान भी किया जा रहा है। इसके लिए मेडिकल शिक्षा में पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर इमरजेंसी चिकित्सा की पढ़ाई के लिए नया कोर्स भी शुरू किया जा रहा है। ताकि देश में गुणवत्तापूर्ण इमरजेंसी इलाज करने वाले डाक्टरों की कमी को दूर किया जा सके। इसके साथ ही एमबीबीएस के कोर्स में भी इमरजेंसी चिकित्सा को शामिल किया जाएगा।
2022 तक है खोलने की तारीखएक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां सभी पुराने मेडिकल कॉलेजों को मार्च 2022 तक इमरजेंसी विभाग खोलने को कहा गया है, वहीं 2021-22 के शैक्षिक सत्र से नए मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की अनुमति तभी मिलेगी, जब उसके पास इमरजेंसी विभाग मौजूद होगा।