FibreNet Case: आंध्र प्रदेश पुलिस को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 9 नवंबर तक नहीं होगी नायडू की कोई गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में याचिका पर फैसला आने तक फाइबरनेट मामले में टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार न करे। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने फाइबरनेट मामले में नायडू की अग्रिम जमानत को 9 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 01:16 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में याचिका पर फैसला आने तक फाइबरनेट मामले में टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार न करे। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने फाइबरनेट मामले में नायडू की अग्रिम जमानत को 9 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा, पूर्व में दी गई व्यवस्था को बरकरार रहने दें।'
बता दें कि पीठ 13 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश पुलिस के बयान का जिक्र कर रही थी, जब उसने कहा था कि पुलिस नायडू को हिरासत में नहीं लेगी। न्यायमूर्ति बोस ने कहा कि चूंकि आदेश एक अन्य याचिका पर सुरक्षित रखा गया है, इसलिए यह उचित होगा कि अदालत फैसला सुनाए जाने के बाद नायडू की तत्काल याचिका पर विचार करे।यह भी पढ़ें: Maharashtra: चंद्रबाबू नायडू की पत्नी TDP प्रमुख की गिरफ्तारी पर लोगों से करेंगी संपर्क, निजाम गेलावली यात्रा में होंगी शामिल
नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि पुलिस फाइबरनेट मामले में उन्हें हिरासत में लेना चाह रही है, इस तथ्य के बावजूद कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में पहले से ही हिरासत में हैं। आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि फाइबरनेट मामले में नायडू से हिरासत में पूछताछ के लिए वह अदालत से अनुमति मांगेगी, क्योंकि वह पहले से ही एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्णय को लेकर राज्य को इंतजार करने में कोई समस्या नहीं है। पीठ ने कहा, 'पूर्व में दी गई व्यवस्था को बरकरार रहने दें।' 13 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया कि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित उनकी याचिका शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण वे 18 अक्टूबर तक फाइबरनेट मामले में नायडू को गिरफ्तार नहीं करेंगे।
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फाइबरनेट मामला एपी फाइबरनेट परियोजना के चरण-1 के तहत एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये के कार्य आदेश आवंटित करने में कथित निविदा हेरफेर से संबंधित है। आंध्र प्रदेश पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया है कि टेंडर देने से लेकर काम पूरा होने तक परियोजना में अनियमितताएं की गईं, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।73 वर्षीय नायडू को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से धन का कथित दुरुपयोग करने के आरोप में 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिससे राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ था। वह राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में है।