Haryana Election 2024: हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय है तो फिर सांसद और विधायक के लिए क्यों नहीं?
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल में एक मामले की सुनवाई करते हुए नेताओं के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारित न होने को लेकर खेद जताया है। अब सवाल ये है कि जब कानून लागू करने वाले प्रशासकों को कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली परीक्षा पास करनी होती है तो फिर कानून बनाने वालों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता न होना एक विसंगति है या समावेशी लोकतंत्र की जरूरत?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपको डॉक्टर बनना है तो एमबीबीएस करना होगा। इंजीनियर बनना है तो बीटेक करना होगा। वकालत करने के लिए एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए और शिक्षक बनना है तो उसके लिए भी तय परीक्षा पास करनी होती है,लेकिन नेता बनने के लिए ऐसी कोई बंदिश नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल में एक मामले की सुनवाई करते हुए इस पर अहम टिप्पणी की है।
हाईकोर्ट ने कहा- 'क्या यह कानून की खामी है या शुद्ध राजनीति या दोनों। करीब 75 वर्ष पहले संविधान सभा में इस विषय पर बहस के दौरान संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने विधायकों और सांसदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय न हो पाने पर खेद जताया था।'
आगे कहा, - 'इसके बावजूद पिछले सात दशकों में देश में कई सुधार हुए हैं, लेकिन कानून बनाने वालों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। सांसदों और विधायकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय की जानी चाहिए। '
अब सवाल ये है कि जब कानून लागू करने वाले प्रशासकों को कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली परीक्षा पास करनी होती है तो फिर कानून बनाने वालों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता न होना एक विसंगति है या समावेशी लोकतंत्र की जरूरत?
18वीं लोकसभा में सिर्फ एक साक्षर
18वीं लोकसभा में एक भी सांसद अशिक्षित नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 में 121 अशिक्षित उम्मीदवार चुनावी जंग में उतरे थे, लेकिन इनमें से एक भी जीतकर संसद नहीं पहुंचा। जनता ने ऐसे सभी उम्मीदवारों को नकार दिया। भारत की संसद के इतिहास में यह एक बड़ी उपलब्धि है।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार 18वीं लोकसभा में 80 प्रतिशत सांसद उच्च शिक्षित हैं। 543 सांसदों में से सिर्फ एक सांसद ने खुद को साक्षर बताया है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने क्यों जताया था अफसोस?
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने संविधान सभा में बहस के दौरान सांसदों विधायकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय न होने पर अफसोस जताया था।राजेंद्र प्रसाद ने कहा था,
''मैं चाहता था कि विधानमंडल के सदस्यों के लिए कुछ योग्यताएं तय की जाएं। यह असंगत है कि हम कानून लागू करने वालों के लिए उच्च योग्यता पर जोर दें, लेकिन कानून बनाने के लिए कोई योग्यता नहीं, सिवाय इसके कि वे निर्वाचित हों।'' यह भी पढ़ें -AAP Haryana Candidates List: 'आप' ने जारी की 20 उम्मीदवारों की पहली सूची, जानिए कौन कहां से लड़ेगा चुनावहरियाणा में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए क्या है न्यूनतम शैक्षिक योग्यता?
- हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य है।
- हरियाणा सरकार ने हरियाणा पंचायत राज अमेंडमेंट एक्ट, 2015 के तहत न्यूनतम शैक्षिक योग्यता का प्रविधान किया है।
- हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इस संशोधन को चुनौती दी गई थी लेकिन अदालतों ने संशोधन को बरकरार रखा।
- हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का 10वीं पास होना जरूरी है।
- अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास है।
- सामान्य वर्ग की महिला के लिए आठवीं पास होना जरूरी है।
- अनुसूचित जाति की महिला के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पांचवीं पास है।
समय आ गया है कि संसद सांसदों, विधायकों के लिए न्यूनतम योग्यता तय करे, जैसा कि दूसरे क्षेत्रों में है। - सुप्रीम कोर्ट, 2021
18वीं लोकसभा के सांसदों की शैक्षिक योग्यता
सांसद शिक्षा
- 147 स्नातक
- 147 परास्नातक
- 98 स्नातक पेशेवर
- 65 12वीं पास
- 34 10वीं पास
- 28 पीएचडी धारक
- 17 डिप्लोमा धारक
- 4 आठवीं पास
- 2 पांचवीं पास
- 1 साक्षर