Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

भारत में 2047 तक 47 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता : पीयूष गोयल

भारत के लिए 2047 तक 47 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना बिलकुल भी अकल्पनीय नहीं है। हमारे देश में एक विशाल प्रतिभा पूल है। ये युवा प्रतिभा देश को एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में ये बातें काफी सहायक होंगी।

By Jagran NewsEdited By: Vivek TiwariUpdated: Tue, 21 Feb 2023 09:32 PM (IST)
Hero Image
राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, 1991 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 गुना वृद्धि देखी है।

 नई दिल्ली, जेएनएम। भारत के लिए 2047 तक 47 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना बिलकुल भी अकल्पनीय नहीं है। पिछले आठ-नौ सालों में देश ने बेहतर गर्वेनेंस को देखा है। इसके साथ ही हमारे देश में एक विशाल प्रतिभा पूल है। देश को एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में ये बातें काफी सहायक होंगी। ये बातें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन द्वारा आयोजित 17वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन (आईडीएस 2023) के दौरान कहीं।

उन्होंने इस मौके पर कहा कि राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, 1991 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 गुना वृद्धि देखी है, हम $300 बिलियन से $3.5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन गए हैं।

डिजिटल क्षेत्र में भारत के विकास की बात करते हुए गोयल ने कहा, “2030 तक, भारत इस क्षेत्र में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात करेगा। स्टार्टअप इंडिया मिशन और डिजिटल इंडिया स्कीम के चलते ये संभव हो सकेगा। आज ब्रॉडबैंड देश के दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच चुका है। देश में 800 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं।

गोयल ने इस मौके पर कहा कि आज हमारे देश के युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। युवाओं की अधिक पाने की निरंतर इच्छा और जो हासिल किया है उससे ज्यादा पाने की चाह ने ही देश को विकास के पथ पर और आगे बढ़ाया है। आज की युवा पीढ़ी में काफी उत्साह है। आज के युवाओं में कुछ अलग करने का जुनून है। ये ही देश का डिजिटल भविष्य तय करेगा। उन्होंने कहा कि हमें जेडईडी फैक्टर पर काम करना होगा। जीरो इफेक्ट एंड जीरो डिफेक्ट' पॉलिसी को 'अगर हम अपना मंत्र मान लें तो कल्पना कीजिए कि हम इस देश को कैसे बदल सकते हैं। यही वह भारत है जिसे हम देखना चाहते हैं। एक ऐसा भारत जहां 1.4 अरब लोग समृद्धि के फल का आनंद ले सकें।”

उन्होंने कहा कि "जिस अमृत काल में हमने अभी-अभी प्रवेश किया है, वह डिजिटल परिवर्तन का एक क्षेत्र बनने जा रहा है, एक ऐसा क्षेत्र जहां ऊर्जा जगत में बदलाव होंगे - ऊर्जा स्रोतों का विशाल पुनर्वितरण होगा। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को सुनिश्चित कर दुनिया में भारत की स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं।

आईडीएस, भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना डिजिटल सम्मेलन है। यहां 500 से अधिक डिजिटल ब्रांडों के प्रतिनिधित्व और 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 60 से अधिक सत्रों में नीति निर्माताओं, नियामकों, उद्योग कप्तानों और विषय के दिग्गजों सहित 150 से अधिक वक्ताओं को एक साथ लाया गया। शिखर सम्मेलन का समापन 57 श्रेणियों में प्रतिष्ठित इंडिया डिजिटल अवार्ड्स (13वें संस्करण) के विजेताओं की घोषणा के साथ हुआ।