कोलकाता रेप-मर्डर केस में CJI के सवालों पर जवाब नहीं दे पाए ममता के वकील कपिल सिब्बल; शव मिलने से लेकर अब तक कब क्या हुआ?
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से हैवानियत और मर्डर के मामले में ममता सरकार लगातार सवालों के घेरे में है। कोलकाता पुलिस की जांच रिपोर्ट और सीबीआई के सबूत के आधार पर कोर्ट में उठे सवालोंं के जवाब ममता सरकार की ओर से केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट कपिल सिब्बल भी नहीं दे पाए। बॉडी देखे जाने से लेकर अब तक कब क्या हुआ यहां पढ़िए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से हैवानियत और मर्डर के मामले में 14 घंटे की देरी से एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर ममता सरकार सवालों के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ममता सरकार से पूछा कि एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी क्यों हुई।
सुप्रीम ने घटना की सूचना की पुलिस की जनरल डायरी एंट्री, अप्राकृतिक मौत की प्रविष्टि और एफआईआर दर्ज करने के समय में विसंगतियों पर बंगाल सरकार पर प्रश्नों की बौछार करते हुए इसे गंभीर मामला करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''रिकॉर्ड देखने से पता चलता है कि पोस्टमॉर्टम होने के बाद अप्राकृतिक मौत की प्रविष्टि दर्ज की गई। जबकि पोस्टमार्टम होता है तो इसका मतलब है कि अप्राकृतिक मौत हुई है तो फिर अप्राकृतिक मौत की एंट्री उसके बाद कैसे की गई। पुलिस ने जो प्रक्रिया अपनाई है, वह आपराधिक कानून में नहीं होती।''
जस्टिस पार्डीवाला ने कहा कि उन्होंने 30 वर्षों के करियर में ऐसा नहीं देखा। कोर्ट के सवालों पर कई बार बंगाल की पैरोकारी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल निरुत्तर दिखे।
कोलकाता रेप एवं मर्डर केस में कब क्या हुआ?
9 अगस्त 2024...
- सुबह 9:30 बजे - आरजी कर अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की प्रशिक्षु ने पीड़िता की बॉडी को दूर से देखा। उसने अपने सहकर्मियों और सीनियर डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी। फिर सीनियर डॉक्टर्स ने अस्पताल प्रशासन को अलर्ट किया।
- सुबह 10:10 बजे- आरजी कर अस्पताल की पुलिस चौकी ने टाला पुलिस थाने में घटना की जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों को बताया गया कि आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर एक सेमिनार कक्ष में एक महिला अचेत अवस्था में लकड़ी के मंच पड़ी है। महिला अर्धनग्न अवस्था में है। यह जानकारी जनरल डायरी एंट्री के तौर पर दर्ज कर पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना होती है।
- सुबह 10:30 बजे- पुलिस अधिकारी अपराध स्थल पर पहुंचते हैं और स्थिति का जायजा लेते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जाता है और अपराध स्थल को सील कर दिया जाता है।
- सुबह 10:52 बजे- अस्पताल के सहायक अधीक्षक पीड़िता के परिवार को सूचित करते हैं और उन्हें जल्दी आने के लिए कहते हैं।
- सुबह 11:00 बजे- होमिसाइड टीम मौके पर पहुंचती है।
- दोपहर 12:25 बजे- डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की साइंटिफिक विंग के वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर घटनास्थल पर पहुंचते हैं। महिला की बॉडी की पहली फोटो दोपहर 12:29 बजे क्लिक की जाती है। फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचते हैं। तभी कोलकाता पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर आते हैं और फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया जाता है।
- दोपहर 12:44 बजे- ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पीड़िता की जांच करते हैं और उसे मृत घोषित कर देते हैं।
- दोपहर 1:00 बजे- पीड़िता के माता-पिता अस्पताल पहुंचते हैं। अधिकारियों से मिलते हैं और 10 मिनट बाद उन्हें सेमिनार कक्ष में ले जाया जाता है।
- दोपहर 1:47 बजे- अस्पताल की ओर से पीड़िता का मेडिकल सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट पुलिस को सौंपा जाता है। पुलिस अधिकारी शरीर पर चोटों का निरीक्षण करता है, जिसमें निजी अंगों पर भी चोटें शामिल हैं। इसके बाद अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया जाता है।
- दोपहर 3:00 बजे- पीड़िता के परिजनों और सहकर्मी ने पहले मौखिक और फिर लिखित तौर पर मांग की कि पोस्टमॉर्टम न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में किया जाए और उसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए।
- शाम 4:10 बजे- न्यायिक मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। 4:20 से 4:40 बजे के बीच पंचनामा किया जाता है। इस दौरान पीड़िता के परिवार के सदस्य और सहकर्मी मौजूद रहते हैं। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाती है।
- शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे- न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में फोरेंसिक डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम किया गया। पीड़िता के परिवार के सदस्य और सहकर्मी उपस्थित रहते हैं। पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी की जाती है
- रात 8:00 बजे- डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंचता है। रात 8:37 बजे से 8:52 बजे के बीच अपराध स्थल की 3डी मैपिंग की जाती है।
- रात 8:30 बजे से 10:45 बजे के बीच- फोरेंसिक टीम 40 से अधिक वस्तुओं को जांच के लिए सुरक्षित रख लेती है। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई और स्थानीय गवाह मौजूद थे। पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
- रात 11:45 बजे- पीड़िता के पिता की शिकायत पर रेप और मर्डर के आरोपों में एफआईआर दर्ज की जाती है।
कोलकाता रेप व मर्डर केस में यह अब तक की एकमात्र गिरफ्तारी है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद से मामले की जांच सीबीआई कर रही है।यह भी पढ़ें -वहशी-दरिंदा, जानवरों जैसी सोच; कोलकाता रेप केस के आरोपी की जांच में रोंगटे खड़े कर देने वाले खुलासे
कोलकाता रेप एवं मर्डर केस में कोर्ट में उठे ये सवाल