हर किसी की जिंदगी का मैनेजमेंट कैसे हो, इसी का नाम है 'लाइफ मैनेजमेंट'
नवीन कृष्ण राय की पुस्तक लाइफ मैनेजमेंट का आज इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नवीन ने मैनेजमेंट की अवधारणा को अंग्रेजी से निकालकर हिंदी भाषा में प्रस्तुत कर इसे हिंदीभाषी समाज के बीच पहुंचाया है। पुस्तक में सेल्फ मैनेजमेंट से लेकर पीपुल्स मैनेजमेंट तक के बारे में बताया गया है।
जेएनएन, नई दिल्ली। आईआईएम इंदौर में गवर्नमेंट अफेयर्स के मैनेजर नवीन कृष्ण राय की पुस्तक 'लाइफ मैनेजमेंट' का आज इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नवीन ने मैनेजमेंट की अवधारणा को अंग्रेजी से निकालकर हिंदी भाषा में प्रस्तुत कर, इसे हिंदीभाषी समाज के बीच पहुंचाया है।
पुस्तक में सेल्फ मैनेजमेंट के बारे में बताया गया
इस पुस्तक में सेल्फ मैनेजमेंट से लेकर पीपुल्स मैनेजमेंट, निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व की योग्यता को सरल और सहज भाषा में समझाया गया है। श्री हरिवंश ने मैनेजमेंट के लाभ बताते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने में मैनेजमेंट टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मैनेजमेंट का ही परिणाम है कि अब सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रहा है, जबकि पहले केवल 15% पैसा ही सही व्यक्ति तक पहुंच पाता था।
हरिवंश ने नवीन की पुस्तक में उल्लिखित प्रसंगों की चर्चा करते हुए कहा कि 'नंदू भैया' और 'समझदार सिंह' जैसे प्रसंग पाठकों को बहुत कुछ सिखाते हैं। इस पुस्तक में पंचतंत्र, चाणक्य और सूक्तियों का प्रयोग कर आधुनिक मैनेजमेंट से जोड़ने का कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों को पुनः जागृत करने में इस तरह की किताबें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
विशिष्ट अतिथि, नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के अध्यक्ष, जस्टिस ए. पी. शाही ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज का संयोग नवीन के वैराग्य का प्रतीक है। उन्होंने अमेरिका के एक उद्योगपति का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने मेहनत से संपत्ति अर्जित की और बाद में उसे समाज के लिए दान कर दिया। इसी प्रकार, नवीन ने भी अपनी पुस्तक के माध्यम से समाज को ज्ञान दान करने का बीड़ा उठाया है। इस पुस्तक में चाणक्य नीति और विदुर की शिक्षाएं समाहित हैं, जो इसे मूल्यवान बनाती हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय ने की। उन्होंने कहा कि इस किताब में जीवन प्रबंधन के 36 सूत्र दिए गए हैं। यह पुस्तक उन लोगों के लिए मैनेजमेंट का ज्ञान प्रदान करती है, जो बड़े संस्थानों में जाकर मैनेजमेंट की पढ़ाई नहीं कर सकते।
गीता का दिया उदाहरण
राम बहादुर राय ने गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि गीता से जीवन प्रबंधन सीखने के कई सूत्र मिलते हैं और इसी प्रकार, नवीन की पुस्तक भी जीवन प्रबंधन सिखाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में एक बटन की तरह कार्य करेगी। खास बात यह है कि यह पुस्तक पहले हिंदी में प्रकाशित की गई है, जबकि आमतौर पर मैनेजमेंट की पुस्तकें पहले अंग्रेजी में आती हैं और बाद में हिंदी में अनुवादित होती हैं।
इस मौके पर दिनकर सिंह सूरज ने कहा कि लाइफ मैनेजमेंट किताब धर्म से जोडती है और हर वर्ग के लोगों को लाइफ मैनेजमेंट सीखाती है यह किताब गुमराह व शोषित होने से कैसे बचे यह भी बताती है.