अब अजब-गजब नहीं... सर्वश्रेष्ठ मध्य प्रदेश कहिए, दो योजनाओं में दबदबा कायम; जीते छह पुरस्कार
पीएम स्वनिधि योजना और दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश सबसे आगे रहा है। राज्य के कई नगर निकायों ने भी उत्कृष्ट कार्य किया है। यह राज्य स्वच्छता की कसौटी के मामले में पहले से अग्रणी राज्य की भूमिका में है। वहीं दिल्ली नगर निगम ने लोन देने के मामले में 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों की श्रेणी में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेहड़ी-पटरी वालों को व्यवसाय के लिए ऋण उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश ने अपना दबदबा दिखाया है। मध्य प्रदेश न केवल बड़े राज्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य चुना गया है, बल्कि नवाचार और उल्लेखनीय तौर-तरीके अपनाने के मामले में भी उसने असम को पीछे छोड़ दिया। यही नहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर निगम ने एक लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरी निकायों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।
पीएम स्वनिधि योजना और दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश के कई नगर निकायों ने भी उत्कृष्ट कार्य किया है। यह राज्य स्वच्छता की कसौटी के मामले में पहले से अग्रणी राज्य की भूमिका में है।
किस श्रेणी में दिल्ली रही अव्वल?
दिल्ली नगर निगम ने लोन देने के मामले में 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों की श्रेणी में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। उसने बेंगलुरु और अहमदाबाद को पछाड़ दिया।आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को पीएम स्वनिधि और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों, शहरी निकायों, बैंकों को सम्मानित किया।मनोहर लाल ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना ने लाखों लोगों की बहुत सहायता की है। उन्हें पहले व्यवसाय के लिए कर्ज लेने के लिए दूसरे माध्यमों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस योजना ने उन्हें आजीविका अर्जित करने का बड़ा सहारा दिया है।
पीएम स्वनिधि योजना में कितना राशि मिलती है?
एक जून 2020 को शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना शहरों में रेहड़ी-पटरी वालों को 80 हजार रुपये तक का कर्ज उपलब्ध कराती है। अभी तक इस योजना के तहत 86 लाख कर्ज दिए जा चुके हैं, जिनके तहत कुल 11,680 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है।पीएम स्वनिधि योजना में बड़े राज्यों में आंध्र प्रदेश को दूसरा और पंजाब को तीसरा स्थान मिला है। छोटे राज्यों में लद्दाख और पुडुचेरी ने बाजी मारी है। असाधारण प्रदर्शन की कसौटी पर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को पहले दो स्थान मिले।
एक लाख से कम आबादी वाले कस्बों में उत्तर प्रदेश के नवाबगंज को पहला, झारखंड के मेदिनीनगर को दूसरा और मध्य प्रदेश के सारणी को तीसरा स्थान मिला है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वाराणसी को पहला स्थान मिला है। एक लाख से 10 लाख के पैमाने पर झांसी नगर निगम को पहला स्थान मिला है। दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश का काकीनाडा और तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश का खरगोन नगर निगम है।यह भी पढ़ें -गंभीरता के साथ हो राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण: सीएम मोहन यादव