महादेव सट्टा एप का मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर गिरफ्तार, इंटरपोल के अधिकारियों ने दुबई से पकड़ा; जल्द भारत लाएगी ईडी
Mahadev Betting App Scam महादेव सट्टा एप के मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर को मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में दुबई में गिरफ्तार किया गया है। इंटरपोल ने दुबई पुलिस के सहयोग से यह कार्रवाई की। सौरभ चंद्राकर पर आरोप है कि उन्होंने महादेव एप के जरिए 6000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की। उसे जल्द ही भारत लाने की प्रक्रिया जारी है।
पीटीआई, नई दिल्ली। Mahadev Scam: मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी मामले में आरोपी महादेव सट्टा एप का मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी इंटरपोल के अधिकारियों ने की है। सीबीआई और ईडी के अधिकारियों ने दुबई की पुलिस और स्थानीय फोर्स के साथ मिलकर आरोपी से जुड़ी हर डिटेल इंटरपोल को दी थी। जल्द कुछ औपचारिक कार्रवाई के बाद उसे भारत लाए जाने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद इंटरपोल के अधिकारियों की ओर से भारतीय विदेश मंत्रालय को जानकारी दी गई। अब सौरभ चंद्राकर को भारत और फिर जल्द ही रायपुर लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दस्तावेजी काम अफसर जल्द से जल्द निपटा रहे हैं। सात दिन के भीतर आरोपी को भारत लाया जा सकता है।
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इंटरपोल के अधिकारी लंबे वक्त से पहचान बदलकर दुबई में रह रहे थे। यहां से सौरभ चंद्राकर के ठिकानों पर नजर रख रहे थे। मौका मिलते ही आरोपी को आरोपी सौरभ चंद्राकर दबोच लिया।
कब सुर्खियों में आया महादेव सट्टा एप मामला?
महादेव ऑनलाइन सट्टा एप का मामला तब सामने आया था, जब ईडी ने दावा किया था कि जांच एजेंसी ने एक 'कैश कूरियर' के ईमेल स्टेटमेट को रिकॉर्ड किया। इसमें पता चला कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संयुक्त अरब अमीरात में स्थित एप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। हालांकि, भूपेश बघेल ने आरोपों को खारिज किया था।
कौन है सौरभ चंद्राकर?
छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला सौरभ चंद्राकर एक जूस की दुकान चलाता था। पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर थे। साल 2019 में वो दुबई गया था। वहां उसने अपने एक दोस्त रवि उप्पल को भी बुला लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर महादेव एप लॉन्च किया। देखते ही देखते महादेव एप ऑनलाइन सट्टा बाजार का बड़ा नाम बन गया।महादेव एप पर क्या होता था?
महादेव सट्टा एप पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। इसके जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस व फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। सट्टेबाजी के नेटवर्क के जरिए महादेव एप का जाल तेजी से फैलता गया। सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले।
इस एप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। शुरुआत में यूजर को फायदा होता और जैसे बड़ा अमाउंट लगाते वैसे डूब जाता था। बता दें कि महादेव सट्टेबाजी एप का मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का डी कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से संबंध होने की बात भी सामने आई थी।यह भी पढ़ें- Mahadev App: महादेव समेत 22 सट्टेबाजी एप और वेबसाइट अवैध घोषित, केंद्र सरकार ने लगाया प्रतिबंध