पहले दिन राम मंदिर निर्माण के लिए मिला लाखों का दान, 2-3 मार्च को हो सकती है अगली बैठक
ट्रस्ट की अगली बैठक की तिथि तो अभी तय नहीं है पर जल्द अगली बैठक की बात कही जा रही है। ऐसे में अगली बैठक 2 या 3 मार्च को होने की चर्चा तेज है।
By Shashank PandeyEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 08:24 AM (IST)
माला दीक्षित, नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक में ही लाखों का दान मिला है। बुधवार को ट्रस्ट की पहली बैठक में ट्रस्टी उडुपी के पेजावर मठ के स्वामी विश्वप्रसन्नतीर्थ जी महाराज ने राम मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख का चेक सौंपा। इसके अलावा पिछले दस दिनों में ट्रस्ट के आधिकारिक कार्यालय वरिष्ठ वकील व ट्रस्टी के. परासरन के घर मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में आए लाखों रुपये के चेक 10 से 15 चेक भी ट्रस्ट को सौंपे गए।
ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कुल कितने रुपये के चेक मिले हैं। बैठक में ट्रस्टियों ने रामनवमी के दिन राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। रामनवमी के त्योहार और उस दिन अयोध्या में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के अनुमान के आधार पर यह फैसला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से उम्मीद लगाई जा रही थी कि रामनवमी के शुभ मुहूर्त पर राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
इस संबंध में जब दैनिक जागरण ने चंपत राय से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस तिथि पर मुहूर्त की बात वही कर सकता है जिसे अयोध्या के बारे में जानकारी नहीं होगी। रामनवमी वहां का बहुत बड़ा पर्व है और उस दिन अयोध्या में कम से कम 15 से 20 लाख श्रद्धालु होते हैं। ऐसे में उस दिन वहां मंदिर निर्माण का मुहूर्त कार्य कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में निर्माण कार्य शुरू करने की तिथि तय की जाएगी। चंपत राय ने कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि अगली बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र भी उपस्थिति हों। बुधवार को ही उन्हें मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष चुना गया, इसलिए वह ट्रस्ट की पहली बैठक में मौजूद नहीं थे। अगली बैठक में उनकी मौजूदगी में मंदिर निर्माण की तिथि तय करने पर विचार होगा।
बैठक में निर्मोही अखाड़ा के महंत और ट्रस्टी दिनेंद्र दास ने ट्रस्ट को एक पत्र सौंपा। इसमें महंत दिनेंद्र दास जी के अलावा अखाड़ा के सरपंच राजाराम चंद्राचार्य और पांच अन्य पंचों को भी ट्रस्ट में शामिल करने की मांग की गई है। इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर पूजा-पाठ, आरती व भोग का अधिकार निर्मोही अखाड़ा को देने की मांग भी की गई है। निर्मोही अखाड़ा लंबे समय से वहां पूजा अर्चना करता रहा है। हालांकि इस पत्र को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।