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अब कानूनी मदद के लिए नहीं भटकेंगे जरूरतमंद, सहायता करने पहुंचेंगे कानून के छात्र; जानिए क्‍या है पूरा प्‍लान

अभी आर्थिक रूप से कमजोर व पिछड़े क्षेत्रों से जुड़े लोगों को किसी भी तरह की कानूनी मदद के लिए वकीलों के चैंबर के चक्‍कर काटने होते हैं लेकिन अब कानूनी मदद देने वाले खुद उनके पास चलकर पहुंचेंगे। इससे न सिर्फ कानून से अनभिज्ञ जरूरतमंद लोगों की मदद होगी बल्कि छात्रों को भी पढ़ाई के दौरान सीखने और समझने का मौका भी मिलेगा। जानिए क्‍या है पूरा प्‍लान...

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 18 Jul 2024 07:51 PM (IST)
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कानूनी मदद के लिए नहीं भटकेंगे कमजोर और पिछड़े लोग। फाइल फोटो
 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कानून की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों ने यदि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की सिफारिश को अपनाया तो आने वाले दिनों में आर्थिक रूप से कमजोर व पिछड़े क्षेत्रों से जुड़े लोगों को किसी भी तरह की कानूनी मदद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कानूनी मदद देने वाले उनके पास खुद चलकर पहुंचेंगे। इससे न सिर्फ कानून से अनभिज्ञ कमजोर और पिछड़े लोगों की मदद होगी, बल्कि छात्रों को भी पढ़ाई के दौरान सीखने और समझने का मौका भी मिलेगा।

फिलहाल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर में कानून की पढ़ाई कराने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इस पहल को अपनाने के निर्देश दिए है। मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पहल हाल ही में पीड़ितों को कानूनी सहायता मुहैया कराने के विषय पर आयोजित चर्चा में आए सुझावों के बाद की है।

इंटर्नशिप की तरह लागू हो सकती है यह पहल

इसके तहत कानून की पढ़ाई कराने वाले संस्थानों को इससे जोड़ने का सुझाव दिया गया था, जो अपने आसपास मौजूद ऐसे क्षेत्रों को चयनित करके छात्रों की मदद से इस तरह के अभियान चला सकते है। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक,  यह अभियान इंटर्नशिप की तरह हो सकता है।

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इसमें प्रत्येक छात्रों को साल में कम से कम एक बार इन पिछड़े व दूरदराज के क्षेत्रों को भेजा जा सकता है, जहां वह लोगों को कानून के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें जीवन से जुड़े छोटे-छोटे विवादों को दूर करने में उन्हें कानूनी मदद दे सकेंगे।

बता दें कि यूजीसी इससे पहले उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में कुछ समय के लिए भेजने की भी पहल कर चुकी है। इसमें उन्हें मोबाइल बैंकिंग सहित आम जनजीवन से जुड़ी दूसरी सुविधाओं से परिचित करना शामिल था। 

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