अब ट्रेन ड्राइवर लेकर चलेंगे ट्रॉली बैग व टैबलेट
पहले ड्यूटी के दौरान लोको पायलट और गार्ड को अपने साथ लोहे का बक्सा लेकर चलना पड़ता है। बक्से में नियमावली की मोटी किताबों के साथ ही झंडी व अन्य सामान होते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। लोको पायलट (रेल चालक) व गार्ड को अब अपने साथ भारी भरकम लोहे का बक्सा नहीं ले जाना होगा। इसके बदले वह ट्रॉली बैग लेकर चलेंगे। इसी तरह रेल परिचालन नियमावली की मोटी किताबों की जगह उन्हें टैबलेट दिया जाएगा। इससे चालक-गार्ड की परेशानी कम होने के साथ ही रेल परिचालन के समय में भी सुधार की उम्मीद है। दिल्ली मंडल ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली-अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12459) के चालक, गार्ड को ट्रॉली बैग देकर रवाना किया।
बता दें कि ड्यूटी के दौरान लोको पायलट और गार्ड को अपने साथ लोहे का बक्सा लेकर चलना पड़ता है। बक्से में नियमावली की मोटी किताबों के साथ ही झंडी व अन्य सामान होते हैं। इसे इंजन व गार्ड के पास पहुंचाने के लिए कुली की व्यवस्था करनी पड़ती है। इसमें देरी होने से ट्रेन परिचालन भी बाधित होता है। वहीं, यदि ट्रेन आने से पहले ही इसे प्लेटफॉर्म पर रख दिया जाता है तो इससे यात्रियों को दिक्कत होती है।
बृहस्पतिवार को दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आरएन सिंह ने नई दिल्ली-अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12459) के गार्ड दीपक परासर, लोको पायलट सुदेश कुमार को ट्रॉली बैग देकर इस योजना की शुरुआत की। ट्रॉली में एक टैबलेट भी रहेगा जिससे ट्रेन परिचालन के नियमों की जानकारी मिलेगी। रेल कर्मचारियों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे उन्हें आसानी होगी। वहीं रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे आर्थिक बचत भी होगी। बक्सा ढोने के लिए कुली की जरूरत नहीं होगी। इसी तरह से नियमावली छपवाने से भी छुटकारा मिलेगा। कागज की बचत से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। डीआरएम ने कहा कि बुकिंग लॉबी में लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
पर्यटन में गुजरात की खुशबू बिखेरेगा आइआरसीटीसी
आइआरसीटीसी ‘ने गुजरात की खुशबू’ नाम से टूर पैकेज की घोषणा की है। पर्यटकों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर ले जाया जाएगा। उत्तरांचल एक्सप्रेस से यात्रियों को गुजरात ले जाया जाएगा। इसकी ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो गई है। छह रात व सात दिन के इस टूर का पैकेज प्रति व्यक्ति 19,990 रुपये है। इसमें वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के किराये के साथ ही बस, होटल, भोजन आदि के शुल्क भी शामिल हैं। यात्र 16 सितंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शुरू होगी। पर्यटकों को सोमनाथ मंदिर, द्वारका, नागेश्वर के भी दर्शन कराए जाएंगे।