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Prophet Remarks: नुपुर शर्मा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा; कहा- आपकी टिप्पणियों के चलते मुझे जान का खतरा, आज होगी सुनवाई

Nupur Sharma approaches Supreme Court नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित टिप्‍पणी के लिए खुद पर दर्ज प्राथमिकियों में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानें क्‍या दी है दलील...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 19 Jul 2022 02:34 AM (IST)
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नुपुर शर्मा ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में आरोपित भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नुपुर ने नई अर्जी दाखिल कर अपनी वापस ली गई मूल याचिका पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। अपनी अर्जी में नुपुर ने कहा है कि पिछली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों के कारण उन्हें अराजक तत्वों से जान का खतरा है।

  • पूर्व भाजपा प्रवक्ता फिर पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट, दाखिल की नई अर्जी
  • मूल याचिका पर पुनर्विचार और गिरफ्तारी से राहत देने की मांग
  • जस्टिस सूर्यकांत और पार्डीवाला की पीठ ही आज करेगी सुनवाई

राज्यों में दर्ज एफआइआर को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग

मामले से जुड़े एक वकील ने बताया, नुपुर ने गिरफ्तारी से राहत देने और विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआइआर को एक जगह ट्रांसफर करने की भी मांग की है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। पिछली याचिका पर सुनवाई करने वाली जस्टिस सूर्यकांत और जेबी पार्डीवाला की पीठ के समक्ष ही नुपुर की नई अर्जी सुनवाई के लिए लगी है।

वापस ले ली थी याचिका 

नुपुर ने अपनी पिछली याचिका में अपने खिलाफ सभी मामलों को एक साथ संलग्न करके एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की थी। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा था कि उनकी जान को खतरा है। इसलिए कानून के मुताबिक सभी मामले एक साथ संलग्न कर दिए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी कोई दलील स्वीकार नहीं की थी और याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद नुपुर के वकील मनिंदर सिंह ने याचिका वापस ले ली थी।

मामलों को एक जगह स्थानांतरित करने की मांग

नुपुर शर्मा ने एक टीवी शो में डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पर उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में एफआइआर दर्ज हैं। एक जुलाई को जस्टिस सूर्यकांत और जेबी पार्डीवाला की पीठ ने नुपुर की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज मामलों को एक जगह स्थानांतरित करने की मांग पर विचार करने से इन्कार कर दिया था। पीठ ने नुपुर के खिलाफ तीखी टिप्पणियां भी की थीं।

टिप्पणियों पर हुई थी जबर्दस्त प्रतिक्रिया

पीठ की ओर से नुपुर के खिलाफ की गई मौखिक टिप्पणियों पर देश में जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई थी। समाज के कई हिस्सों में कोर्ट की टिप्पणियों पर सवाल खड़ा किया गया था। लोगों का स्पष्ट कहना था कि सभी मामले को एक जगह करने का निर्देश देने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को है। इस पर फैसला उसे ही देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- देश को आग में झोंक दिया

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर सवाल उठाने वाले लोगों में कई पूर्व न्यायाधीश भी शामिल थे। एक जुलाई को कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में यहां तक कहा था कि नुपुर की बदजुबानी ने पूरे देश को आग में झोंक दिया। देश में जो हो रहा है, उसके लिए वही जिम्मेदार हैं।