Pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर की हवा में 'जहर', SC से लेकर NHRC तक गंभीर; लगाई गईं ये कड़ी पाबंदियां
Pollution in Delhi-NCR वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी यानी रेड जोन में पहुंचते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने तत्काल प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कर दिया। दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा हो गई है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 04 Nov 2022 06:02 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली-NCR की हवा फिर खराब हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर स्तर तक पहुंच गया है. हवा की गुणवत्ता के तेजी से बिगड़ने की शुरुआत पिछले हफ्ते हुई. जहरीली होती हवा को कंट्रोल को करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर की हवा बिगड़ने के लिए पराली को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी यानी रेड जोन में पहुंचते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने तत्काल प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कर दिया। दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा हो गई है। अब ग्रेप के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के प्रविधान को लेकर भी सख्ती बरती जाएगी। सीएक्यूएम ने बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों को अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।
सीएक्यूएम की बैठक में सामने आया कि अभी अगले दो-तीन दिन वायु की गुणवत्ता गंभीर या बहुत गंभीर श्रेणी में रह सकती है। ऐसे में लोगों के मन में प्रश्न उठता है कि आखिर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण क्यो? प्रदूषण के लिए क्या उपाय किए जा रहे? दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन? इसका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ रहा है? प्रदूषण से बचने का क्या है उपाय? आइए जानते हैं इन सभी प्रश्नों का जवाब...
दिल्ली में ये प्रतिबंध होंगे लागू
- आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी।
- दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन (एचजीवी) के दिल्ली में संचालन पर प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि, यहां भी आवश्यक वस्तुओं को ले जाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छूट मिलेगी
- आवश्यक व आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग होने वाले बीएस-6 वाहनों को छोड़ दिल्ली-एनसीआर में चारपहिया डीजल एलएमवीएस के चलने पर प्रतिबंध लग जाएगा।
- दिल्ली-एनसीआर में राजमार्गों, फ्लाईओवर, पाइपलाइन जैसी सरकारी परियोजनाओं में निर्माण कार्य पर रोक लग जाएगी
- केंद्र व राज्य सरकारें अपने 50 फीसदी कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दे सकती हैं।
- एनसीआर में उन उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया, जो स्वच्छ ईंधन से नहीं चल रहे।
- राज्य सरकार स्कूलों को बंद करने, गैर-आपातकालीन व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने को लेकर निर्णय ले सकती है।
- वाहनों के लिए आड-इवन योजना पर भी सरकार निर्णय ले सकती है।
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला
- केजरीवाल ने एलान किया कि कल से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे।
- कक्षा पांच से ऊपर की सभी कक्षाओं के लिए बाहरी गतिविधियों को भी बंद कर रहे हैं।
- केजरीवाल ने कहा कि ऑड-ईवन पर विचार कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर इसे लागू किया जाएगा।
- गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम रहेंगे।
- दिल्ली में डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध रहेगा। केवल सीएनजी ट्रकों को इजाजत रहेगी।
- दिल्ली में केवल BS-6 गाड़ियों को एंट्री मिलेगी।
- दिल्ली के RWA के गार्डों को इलेक्ट्रिक हीटर दिल्ली सरकार प्रोवाइड करवाएगी।
- दिल्ली के मार्केट खुलने के और बंद होने के समय में भी बदलाव किया जाएगा।
कैसे रखें खुद का ख्याल
- ऐसे हालात में भीड़भाड़ वाली जगहों और सड़कों पर पैदल चलने से बचें। अगर आपके साथ में बच्चा है तो उसे गोद लेकर चलें ताकि जमीन के जिस स्तर तक गाड़ियों का धुआं मौजूद है उसके असर से बच्चे को बचाया जा सके।
- अगर बाहर एक्सरसाइज करते हैं तो अलर्ट रहें। एक्सरसाइज करते समय यह भी चेक करें कि कहीं वो जगह सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में तो नहीं आती। इसके लिए AQI का स्तर देख सकते हैं।
- ऐसे दिनों में वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें क्योंकि हवा को दूषित करने में इनका बड़ा और अहम रोल है. सीएसई की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया है।
- कचरे को न जलाएं क्योंकि इसका धुआं सीधे तौर पर आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है और पर्यावरण को भी।
पांच वजह जिसने हवा में बढ़ाया ‘जहर’
- सेंटर फॉर साइंस एंड एंनवॉयर्नमेंट (CSE) की रिपोर्ट कहती है, दिल्ली की हवा बिगड़ने के लिए वाहनों से निकला धुआं सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब दिल्ली-एनसीआर की हवा अपने बुरे स्तर तक पहुंच गई है। 21 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच हुई एनालिसिस कहती है, कार और दूसरे वाहनों के लिए दिल्ली PM 2.5 का आंकड़ा 51 प्रतिशत तक बढ़ गया।
- पंजाब और हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों में जलाई जाने वाली पराली का असर दिल्ली-एनसीआर की दूषित होती हवा में दिखाई दे रहा है। दिल्ली-एनसीआर के हालात 1 से 15 नवंबर के बीच तेजी से बिगड़ते हैं क्योंकि इस दौरान पराली को जलाने के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) की रिपोर्ट कहती है, इसके कारण दूषित हवा में मौजूद नुकसान पहुंचाने वाले बारीक कणों (PM 2.5) का दायरा बढ़ता है। पराली के कारण बुधवार को पीएम 2.5 का आंकड़ा 38 प्रतिशत और गुरुवार को 32 प्रतिशत रहा।
- हवा बिगड़ने की तीसरी वजह है, कंस्ट्रक्शन और भवनों को तोड़ने से जुड़ी गतिविधियां. यहां से निकलने वाले धूल के बारीक कण हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ रहे हैं। इसके अलावा हॉट मिक्स प्लांट्स और क्रशर्स हवा को दूषित करने का काम कर रहे हैं।
- मौसम का असर भी हालात को बिगाड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि, तेज हवाओं के न चलने से स्मोक अपनी जगह पर टिकी हुई है। हवा चलने पर हालात में सुधार होता है, लेकिन ऐसा न होने पर वर्तमान में जो हालात हैं उसका असर लम्बे समय तक दिख सकता है।
- रिपोर्ट कहती है, पटाखे सर्दी की शुरुआत में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ने का काम करते हैं, लेकिन इस साल दिल्ली में पटाखों पर बैन रहा है, इसलिए पिछले सालों की तुलना में दूषित हवा से इनका कनेक्शन बड़ा मुद्दा नहीं बना है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट से कदम उठाने की मांग की गई है। वकील ने कहा कि जीवन के अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट को मामले पर गौर करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट प्रदूषण मामले पर 10 नवंबर को सुनवाई करेगा।
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प्रदूषण का पड़ रहा है बुरा असर- डॉ रणदीप गुलेरिया
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण पर AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही हैं और जीवन स्तर कम हो रहा है। AIIMS में वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है। बच्चे, बुजुर्ग, जिनके के फेफड़े और हार्ट कमजोर हैं उनको ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण ज्यादा है। जाना है तो दिन में जाएं जब धूप निकल गई हो और मास्क लगा कर जाएं। वायु प्रदूषण को हम एक साइलेंट किलर कह सकते हैं।