मौत की झूठी खबर फैलाने के लिए पूनम पांडे को हो सकती है तीन साल की जेल, एक्सपर्ट से जानें क्या कहता है कानून
Poonam Pandey s fake death पूनम पांडे ने सर्वाइकल कैंसर से मौत होने की अफवाह फैलाई जिससे लोग खासा भड़क गए। उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई। सवाल ये है कि जब कोई ट्रेन या फ्लाइट में बम होने की झूठी खबर फैलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है ऐसे में क्या पूनम पांडे पर अपनी ही मौत की झूठी खबर फैलाने के लिए कार्रवाई होगी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में अभिनेत्री पूनम पांडे ने सर्वाइकल कैंसर से मौत होने की अफवाह फैलाई और फिर अगले दिन वीडियो जारी कर कहा कि वह जिंदा हैं। उन्होंने कैंसर अवेयरनेस फैलाने के लिए यह पब्लिसिटी स्टंट किया था। इसके बाद पूनम पांडे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज हुई। लोग उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पूनम पांडे के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने पूनम पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि सर्वाइकल कैंसर की वजह से मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे की मौत की फर्जी खबर ने इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में सभी को सदमे में डाल दिया। लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के लिए पूनम पांडे के खिलाफ मुंबई पुलिस कार्रवाई करे।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फैजान अंसारी ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा कि पूनम पांडे ने कैंसर जैसी बीमारी का मजाक बनाया। यह कैंसर पीड़ितों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। पूनम पांडे के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, ''एक्ट्रेस ने कई लोगों के इमोशन्स के साथ खेला है। उन्होंने उन सभी लोगों का भी मजाक उड़ाया जो सर्वाइकल कैंसर से लड़ रहे हैं। मैं सभी गर्वमेंट लॉ एंजेसी से अपील करूंगा कि पूरे देश से झूठ बोलने और यह नाटक रचने के लिए एक्ट्रेस के खिलाफ एक केस दर्ज किया जाए।
क्या बोली मुंबई पुलिस?
मुंबई पुलिस का कहना है कि इस मामले में लीगल तरीके से कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल ये है कि जब कोई ट्रेन या फ्लाइट में बम होने की झूठी खबर फैलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है, ऐसे में क्या पूनम पांडे पर अपनी ही मौत की झूठी खबर फैलाने के लिए पुलिस कार्रवाई होगी?
क्या पूनम पांडे को हो सकती है सजा?
कड़कड़डूमा और तीस हजारी अदालत में प्रैक्टिस कर रहे एडवोकेट मनीष भदौरिया बताते हैं कि पूनम पांडे ने खुद के मरने की झूठी खबर फैलाई। बेशक पूनम का कहना है कि उन्होंने जागरूकता के लिए ऐसा किया, लेकिन उनकी यह हरकत जागरूक करने वाली कम और लोगों के मन में कैंसर को लेकर डर पैदा करने वाली ज्यादा थी।
एडवोकेट मनीष आगे बताते हैं कि जिस वक्त पूनम पांडे के मरने की झूठी खबर सोशल मीडिया पर आई, उस वक्त लोगों के मन में एक डर पैदा हुआ कि कल तक जो अभिनेत्री पार्टी कर रही थी, अचानक उसकी मौत हो गई। मतलब यह लाइलाज बीमारी है।
आईपीसी की धारा 505 में प्रावधान है कि कोई ऐसी अफवाह जिससे लोगों के मन में भय और डर व्याप्त हो जाए, वो कानूनी तौर पर अपराध है। इसके तहत तीन साल तक की जेल की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
सिविल कोर्ट में मांगा जा सकता है मुआवजा
जयपुर हाईकोर्ट के एडवोकेट ऋषि राज सिंह शेखावत के मुताबिक, अगर कोई कैंसर पेशेंट आकर पूनम पांडे के खिलाफ शिकायत कर दें कि अभिनेत्री ने इस गंभीर बीमारी का मजाक बनाया है, जिसके बाद से वह सदमे है। उसे लग रहा है कि कैंसर लाइलाज बीमारी है और अब वह मर ही जाएगा। ऐसी स्थिति में पूनम पांडे पर कार्रवाई हो सकती है।
इसके अलावा, अगर कोई कैंसर पेशेंट यह खबर सुनकर सदमे में चला गया या सुसाइड करने की कोशिश करता है, बाद में वह सिविल कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर मुआवजा भी मांग सकता है।
नोएडा के एसीपी रजनीश वर्मा कहते हैं कि पूनम पांडे ने जो एक्ट किया, वो अवेयरनेस नहीं है। अवेयरनेस का यह तरीका नहीं है। यह क्राइम है। इससे सर्वाइकल कैंसर की दवाओं की कालाबाजारी शुरू हो सकती है। कैंसर के मरीजों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है।
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