Move to Jagran APP

आंदोलन पर अड़े राकेश टिकैत का अजब बयान, कहा- कृषि कानून रद करने से नहीं होगा समाधान

Kisan Andolan राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने तीन कृषि क़ानूनों को रद करने का फ़ैसला किया है इससे समाधान नहीं होगा। किसानों की जो समस्या है वह वैसी की वैसी है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 26 Nov 2021 05:16 AM (IST)
Hero Image
आंदोलन पर अड़े राकेश टिकैत का अजब बयान, कहा- कृषि कानून रद करने से न होगा समाधान
नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने को लेकर अजब बयान दिया है। राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को रद करने का फैसला किया है, लेकिन इससे समाधान नहीं होगा। किसानों की जो समस्या है, वह वैसी की वैसी है। जब तक केंद्र सरकार किसानों से बातचीत नहीं करेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं लाएगी, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।

यहां पर बता दें कि तीनों केंद्रीय कानूनों वापस लेने का ऐलान खुद पीएम मोदी ने 19 नवंबर को किया था। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने खुशी तो जताई लेकिन 6 अन्य मागों का पिटारा भी खोल दिया। इसमें एमएसपी पर कानून बनाने की मांग प्रमुख है।  

Koo App

किसानों को फसलों का नुकसान हुआ है और MSP की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? MSP पर पक्का गारंटी कार्ड लेकर जाएंगे: राकेश टिकैत #farmersprotest @saurabhupadhyaybku

- Rakesh Tikait (@Rakesh.Tikait) 24 Nov 2021

नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने टिप्पणी की थी। इसमें उन्होंने कहा था 'ये सही है कि सरकार ने हमारी बात सुन ली है, लेकिन आंदोलन अभी जारी रहेगा। उन्होंने कहा है कि एमएसपी पर हमारी मांग पूरी होनी अभी बाकी है। राकेश टिकैत के अनुसार आंदोलन समाप्त नहीं होगा। जो मांगे हैं, वह बरकरार हैं। सरकार कुछ भी कहती रही, नीतियां बदलती रही, लेकिन जब तक किसान और सरकार की मीटिंग नहीं होगी, आंदोलन खत्म करने के कोई संकेत नहीं हैं। इन मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए। राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार को पिछले दिनोैं पत्र जारी किया था। बातचीत के लिए प्रधानमंत्री ही आकर संबोधन करेंगे। देश कोई बाहर का नहीं, जो किसान शहीद हुए हैं, उनकी भी बात की जाएगी। तमाम ऐसे मुद्दे हैं। तकरीबन मुद्दे हमारे बहुत अधिक हैं, जब बातचीत शुरू होगी तो मुद्दे भी निकल कर आएंगे।

किसानों के आंदोलन का एक साल, किसान दिखाएंगे ताकत।

एक तरफ किसान आंदोलन का एक साल 26 नवंबर को पूरा होने जा रहा है तो दूसरी तरफ पीएम नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद भी दिल्ली के बार्डर पर किसानों की तादाद बढ़ने जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक साल पूरा होने पर किसानों से बार्डर पर पहुंचने का आह्वान किया गया है। एसकेएम की काल पर भारी तादाद में पंजाब के अलग अलग हिस्सों से किसानों ने ट्रैक्टर और ट्राली के साथ दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा संयुक्त किसान मोर्चा पहले ही साफ कर चुका है कि यह आंदोलन अभी जारी रहेगा। एसकेएम का कहना है कि जब तक तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद में बिल नहीं पास हो जाता है तब तक वो पीछे नहीं हटने वाले हैं।

दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर जुटे 4000 प्रदर्शनकारी, पढ़िये- किसानों और केंद्र सरकार के बीच क्या है नया गतिरोध