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स्वास्थ्य पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव का अध्ययन करा रहा केंद्र, इन 20 शहरों में होगा सर्वे

केंद्रीय प्रदूषण मंत्रालय के सलाहकार डॉ टीके जोशी के अनुसार 20 शहरों में स्वास्थ्य पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव की रिपोर्ट तैयार करने को लेकर सारी रूपरेखा तैयार हो चुकी है।

By Edited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 09:07 PM (IST)
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स्वास्थ्य पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव का अध्ययन करा रहा केंद्र, इन 20 शहरों में होगा सर्वे
नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। वायु प्रदूषण के कारणों और समाधान को लेकर तमाम अध्ययन किए गए, लेकिन अब तक सब विफल रहे। लिहाजा केंद्र सरकार अब इसका स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव का अध्ययन करा रही है। इसे लेकर पूरी शोध रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

इस रिपोर्ट में विस्तृत रूप से बताया जाएगा कि कौन से प्रदूषक तत्व शरीर के किन-किन हिस्सों को किस तरह से प्रभावित कर रहे हैं। साथ ही यह तथ्य भी स्पष्ट किया जाएगा कि यह प्रदूषण किस हद तक जानलेवा है। दरअसल, प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को लेकर अब तक जितनी भी रिपोर्ट बनी हैं, सभी विदेशों में तैयार हुई हैं।

यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भारत में प्रदूषण से होने वाली मौतों का जारी आंकड़ा भी इन्हीं रिपोर्ट पर आधारित होता है। इसीलिए इनकी प्रामाणिकता पर भी सवालिया निशान लगते रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय अब इस दिशा में अपने स्तर पर विस्तृत शोध रिपोर्ट तैयार कराने जा रहा है। इसके लिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ, हैदराबाद एवं आगरा सहित देश के 20 प्रमुख शहरों का चयन किया गया है। हर शहर में एक-एक प्रधान निरीक्षक नियुक्त किए जाएंगे। उनके नेतृत्व में अन्य सहायकों की पूरी टीम होगी।

केंद्रीय प्रदूषण मंत्रालय के सलाहकार डॉ टीके जोशी के अनुसार 20 शहरों में स्वास्थ्य पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव की रिपोर्ट तैयार करने को लेकर सारी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। 31 अक्टूबर को फाइनल दौर की बैठक होने वाली है। इसके बाद बहुत ही जल्द इस पर काम शुरू हो जाएगा।

इस तरह से होगा अध्ययन
20 शहरों में बनाई गई टीम उस शहर के तमाम बड़े अस्पतालों सहित तमाम प्रमुख स्रोतों से यह आंकडे़ जुटाएगी कि पिछले कुछ सालों में वहां किस तरह की बीमारियां और मरीज बढ़े हैं। कौन से प्रदूषक तत्व मानव स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। किस स्थिति में प्रदूषण असमय मौत की वजह बन रहा है। इन आंकड़ों और जानकारी के आधार पर ही विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जाएगा कि विदेशी एजेंसियों सहित डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट और आंकड़े कितने सही अथवा गलत हैं।

रिपोर्ट के आधार पर होंगे उपाय
इस रिपोर्ट के आधार पर ही वायु प्रदूषण से दुष्प्रभाव की दिशा में उपाय सुझाए जाएंगे। जरूरत के मुताबिक कुछ नीतिगत निर्णय भी लिए जाएंगे। हालांकि यह रिपोर्ट तैयार होने में अभी करीब दो साल लगेंगे, लेकिन एक साल बाद ही काफी हद तक तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।