Bihar Caste-Based Survey: बिहार में फिलहाल नहीं होगी जातीय गणना, SC ने हाईकोर्ट के आदेश को रखा बरकरार
नीतीश सरकार की ओर से जाति आधारित गणना पर रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। जस्टिस अभय ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की कोर्ट ने याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के आदेश बरकरार रखा है।
By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Thu, 18 May 2023 06:11 PM (IST)
एजेंसी, पटना/नई दिल्ली: बिहार में जातीय गणना मामले में नीतीश सरकार को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से फिर झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित गणना से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई होगी।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की कोर्ट ने गुरुवार को जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''यह जांच का विषय है कि कहीं जाति गणना की आड़ में जनगणना तो नहीं हो रही है। पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को असंवैधानिक मानते हुए अंतरिम रोक लगाई है। इस मामले में बेहतर होगा कि पहले पटना हाईकोर्ट में ही सुनवाई हो।''
कोर्ट ने कहा कि 3 जुलाई, 2023 को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। अगर हाईकोर्ट किसी कारण इस मामले पर सुनवाई नहीं करता है तो 14 जुलाई को आप सुप्रीम कोर्ट में इसकी जानकारी दीजिए। इसके बाद यहां बिहार सरकार की दलीलों को सुना जाएगा।Supreme Court declines to lift Patna High Court stay order on caste-based survey in Bihar. Matter listed for July 14. pic.twitter.com/4z6pGdrehv
— ANI (@ANI) May 18, 2023
बता दें कि नीतीश सरकार की ओर से जाति आधारित गणना पर रोक लगाने के पटना हाई कोर्ट के 4 मई 2023 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल ने बुधवार को बिहार में जाति आधारित गणना से संबंधित याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इस कारण बुधवार को याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। न्यायमूर्ति करोल को 6 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।