सरकारी उपायों के बावजूद बढ़ रहा गेहूं का मूल्य, दिल्ली में 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंचा थोक भाव
अब गेहूं के दामों में तेजी आई है। गेहूं के रेट लगातार बढ़ रहे हैं। थोक बाजार में गेहूं की कीमत पुराने सभी रिकार्ड तोड़ चुकी है। कम उत्पादन इसका प्रमुख कारण बताया जा रहा है। और त्योहार के दौरान इसके और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 08 Oct 2022 09:29 PM (IST)
नई दिल्ली, आइएएनएस। सरकारी प्रयासों के बावजूद बीते एक वर्ष में गेहूं और आटा समेत रसोई से जुड़ी आवश्यक वस्तुओं के औसत खुदरा मूल्य में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले कुछ महीनों में गेहूं और आटे के मूल्य में काफी वृद्धि हुई है। दिल्ली के थोक बाजार कारोबारियों के मुताबिक, हाल में गेहूं के मूल्य में उछाल देखा गया है और मांग में मजबूती व आपूर्ति में कमी के कारण गेहूं का थोक मूल्य 2,570 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गया है।
त्योहार के दौरान गेहूं 2,600 रुपये प्रति क्विंटल होने की उम्मीद
कारोबारियों के मुताबिक, इस बार ज्यादा गर्मी के कारण गेहूं के घरेलू उत्पादन में गिरावट रही है। दिल्ली की लारेंस रोड मंडी के कारोबारी जय प्रकाश जिंदल का कहना है कि गेहूं के मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है। त्योहारी सीजन के दौरान आने वाले दिनों में गेहूं का थोक मूल्य 2,600 रुपये प्रति क्विंटल के पार जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 14 मई को निर्यात पर प्रतिबंध से पहले तक गेहूं का मंडी भाव 2,150 से 2,175 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास रहता था। कारोबारियों का कहना है कि गेहूं के मूल्य में करीब 15 प्रतिशत और आटे के मूल्य में करीब 19 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है।
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इसके उलट, हाल के दिनों में चावल के मूल्य में करीब 10 प्रतिशत की आई है। उपभोक्ता विभाग ने दो अक्टूबर को एक बयान में कहा था कि बीते एक सप्ताह में गेहूं और चावल के खुदरा व थोक मूल्य में कमी आई है। वहीं, आटे का मूल्य स्थिर बना हुआ है।
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