'सूचना तकनीकी के दौर में बदला लड़ाई का परिदृश्य बदला', NDA पासिंग आउट परेड में सेना प्रमुख ने और क्या कुछ कहा?
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने युद्ध की प्रकृति के तेजी से बदलने की व्याख्या करते हुए कहा कि अंतरिक्ष साइबर और सूचना तकनीकी के दौर में लड़ाई का परिदृश्य ही बदल गया है। उन्होंने कहा कि एनडीए के 61वें कोर्स में यह नए रंगरूट अगले साल तक कमिश्नड अफसर बन गए होंगे और युद्ध क्षेत्र की कमान संभालने को मिलेगा। एक सच्चे नेतृत्व को उदाहरण पेश करना चाहिए।
पीटीआई, पुणे। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने युद्ध की प्रकृति के तेजी से बदलने की व्याख्या करते हुए कहा कि अंतरिक्ष, साइबर और सूचना तकनीकी के दौर में लड़ाई का परिदृश्य ही बदल गया है। नेशनल डिफेंस एकेडमी के 146वें कोर्स के पूर्ण होने पर पासिंग आउट परेड के अवसर पर सेना प्रमुख मनोज पांडे ने सेना के कैडेटों से प्रभावशाली अभियानों के लिए तकनीकी दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि एनडीए के 61वें कोर्स में यह नए रंगरूट अगले साल तक कमिश्नड अफसर बन गए होंगे और युद्ध क्षेत्र की कमान संभालने को मिलेगा। एक सच्चे नेतृत्व को उदाहरण पेश करना चाहिए। साथ ही उनके मातहत काम करने वालों के भरोसे को दांव पर नहीं लगाया जा सकता है। आप सभी की पृष्ठभूमि अलग है पर आप सब में जो एक चीज समान है, आपने देश का सैनिक बनना चुना है।
अपनी उपलब्धियों पर होना चाहिए आपको गौरवान्वित- सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि आपकी उम्र के बहुत से युवा इसमें सफल होने का सपना देखते हैं, लेकिन कुछ ही इसमें चयनित होते हैं। इसलिए आपको अपनी उपलब्धियों पर गौरवान्वितहोना चाहिए। आपको याद रखना होगा कि आपके इस सफर में बहुत आगे तक जाना है। आपको आपका कौशल और लोहा साबित करने के बहुत से अवसर मिलेंगे। इसलिए अंतहीन मित्रताएं कीजिए।मार्गदर्शन के लिए बनाएं अपने मेंटर
उन्होंने कहा कि आपके यह संपर्क भी समय-समय पर आपकी परीक्षा में आपके साथी होंगे। अपनी प्रेरणा और मार्गदर्शन के लिए अपने रोल मॉडल और मेंटर बनाइये। सेना प्रमुख ने कहा कि परेड में शामिल हुई महिला कैडेट सच्चे अर्थों में नारी शक्ति की प्रतिमूर्ति हैं। नए कमीश्नड दल में 24 महिला कैडेट हैं। परेड में कुल 1265 कैडेट शामिल हुए जिनमें से 337 कैडेट इस साल पासिंग आउट कोर्स को पूरा कर रहे हैं।
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