'प्रवर्तन एजेंसियों की अचानक कार्रवाई पर लगाम की जरूरत', ICEA के चेयरमैन ने कहा- एजेंसियों की कार्रवाई से घट रहा भरोसा
महेंद्रू ने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों की कुछ कार्रवाइयों से व्यापार करने में आसानी के मामले में अस्थिरता आई है। इसको रोकने की जरूरत है। हमें प्रवर्तन एजेंसियों और उद्योग के बीच विश्वास का माहौल बनाने की जरूरत है। ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो से जुड़े 62000 करोड़ रुपये के कथित मनी लान्डि्रंग मामले में लावा के पूर्व प्रबंध निदेशक हरिओम राय के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन (आइसीईए) का कहना है कि प्रवर्तन एजेंसियों की अचानक से होने वाली कार्रवाई से भरोसा घट रहा है और इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और इलेक्ट्रानिक्स व आइटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से सोमवार शाम आयोजित आउटरीच कार्यक्रम में आइसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने पिछले 10 साल में मोबाइल उद्योग की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि देश में विकास का अगला चरण निर्यात से आएगा और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत इसमें घरेलू स्तर पर अगुआ कंपनियां बनाने की जरूरत है।
महेंद्रू ने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों की कुछ कार्रवाइयों से व्यापार करने में आसानी के मामले में अस्थिरता आई है। इसको रोकने की जरूरत है। हमें प्रवर्तन एजेंसियों और उद्योग के बीच विश्वास का माहौल बनाने की जरूरत है। ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो से जुड़े 62,000 करोड़ रुपये के कथित मनी लान्डि्रंग मामले में लावा के पूर्व प्रबंध निदेशक हरिओम राय के खिलाफ मामला दर्ज किया है। लावा बाजार में एकमात्र भारतीय मोबाइल कंपनी बची है।
मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग की ओर से चीजों को सरल बनाने का अनुरोध
महेंद्रू की बात पर चन्द्रशेखर ने ईडी से संबंधित मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग की ओर से चीजों को सरल बनाने का अनुरोध है। वह चाहते हैं कि चीजें सरल हो जाएं और प्रधानमंत्री ने इसके लिए प्रतिबद्धता जताई है।21 गुना बढ़ी मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग
महेंद्रू ने कहा कि बीते 10 वर्षों में मूल्य के लिहाज से मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में 21 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2014-15 में देश में 18,900 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का उत्पादन होता था, जो 2023-24 में बढ़कर 4.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसका कारण उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ ) योजना जैसे सरकारी नीतिगत उपाय हैं। इसने स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइसीईए के अनुसार, बीते एक दशक में मोबाइल फोन उद्योग के निर्यात में 7,500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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