कृषि में पानी के उपयोग पर नए सिरे से निगाह डालने की जरूरत, जलशक्ति मंत्रालय में बनी समिति ने दिया सुझाव
पानी के सही उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए बने विशेषज्ञों के समूह ने केंद्रीय स्तर पर एक ऐसी संस्था के गठन का सुझाव दिया है जो पूरे देश में पानी के उपयोग के तौर-तरीकों पर निगाह रखे और सुधार के उपाय बताए। समिति ने मंत्रालय को जल उपयोग की दक्षता 50 या उससे अधिक करने के लिए चार साल का एक रोडमैप भी बताया है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 06:42 PM (IST)
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। पानी के सही उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए बने विशेषज्ञों के समूह ने केंद्रीय स्तर पर एक ऐसी संस्था के गठन का सुझाव दिया है, जो पूरे देश में पानी के उपयोग के तौर-तरीकों पर निगाह रखे और सुधार के उपाय बताए।
समूह की सिफारिश है कि इस राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता प्राधिकरण को कानूनी शक्ति भी मिलनी चाहिए और यह कार्य पानी को लेकर मौजूदा कानूनों के जरिये ही किया जा सकता है।
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मंत्रालय को बताया गया चार साल का रोडमैप
समिति ने मंत्रालय को जल उपयोग की दक्षता 50 या उससे अधिक करने के लिए चार साल का एक रोडमैप भी बताया है। इस प्राधिकरण को यह जिम्मेदारी देने की बात कही गई है कि अलग-अलग क्षेत्रों में पानी के इस्तेमाल के लिए क्या बेंचमार्क होने चाहिए।
जलशक्ति मंत्रालय के तहत ब्यूरो आफ वाटर यूज एफिसिएंसी ने इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट के भारतीय प्रतिनिधि आलोक सिक्का की अध्यक्षता में गत वर्ष एक समिति का गठन किया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की मंशा के अनुरूप देश में पानी के सार्थक उपयोग की दक्षता बीस प्रतिशत तक बढ़ाने के उपाय बताने के लिए कहा गया था।
छह माह में देनी थी रिपोर्ट
समिति को छह माह में अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन एक विस्तार के बाद उसने पिछले माह मंत्रालय को अपनी सिफारिशें सौंपी हैं। सूत्रों के अनुसार, समिति ने पानी का सबसे अधिक इस्तेमाल करने वाले कृषि क्षेत्र में सिंचाई के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव के कदम उठाने के लिए कहा है ताकि उपलब्ध पानी के अधिक इस्तेमाल की ओर बढ़ा जा सके।
इसके लिए उन देशों का उदाहरण दिया गया है जहां कृषि में अधिकतम 25 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल होता है, जबकि भारत में यह 70 से 80 प्रतिशत है।