मणिपुर में 'मीरा पैबी' से निपटने के लिए महिला बलों की जरूरत, अधिकारी ने कहा- ...यह समूह आवागमन को कर रहा बाधित
मणिपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के काम में जुटे अधिकारी लगातार राज्य में अर्धसैनिक बलों की महिला कर्मियों की तैनाती पर जोर देते रहे हैं और खास तौर से वे दंगा रोधी उपकरणों से लैस त्वरित कार्रवाई बल (RAF) की महिला कर्मियों की तैनाती का अनुरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में महिलाओं के आंदोलन को मीरा पैबी के नाम से जाना जाता है।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 21 Jul 2023 11:50 PM (IST)
इंफाल, पीटीआई। मणिपुर में खुद को मीरा पैबी (महिला मशाल वाहक) बताने वाली महिलाओं से निपटने के लिए अधिक महिला बटालियन की आवश्यकता है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि मणिपुर में महिलाओं की रक्षा करने का दावा करने वाले महिला समूह 'मीरा पैबी' से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए और ज्यादा महिला बटालियनों की आवश्यकता है, क्योंकि यह समूह संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में न सिर्फ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के आवागमन को बाधित कर रहा है, बल्कि गंभीर अपराधों को अंजाम देने में मदद भी कर रहा है।
मीरा पैबी के नाम से जाना जाता है महिला आंदोलन
गौरतलब है कि मणिपुर में महिलाओं के आंदोलन को मीरा पैबी के नाम से जाना जाता है। असम राइफल्स में महिला कर्मियों की संख्या बहुत कम है और अधिकारियों का मानना है कि वे कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं।
महिला कर्मियों की तैनाती का अनुरोध कर रहे अधिकारी
राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के काम में जुटे अधिकारी लगातार राज्य में अर्धसैनिक बलों की महिला कर्मियों की तैनाती पर जोर देते रहे हैं और खास तौर से वे दंगा रोधी उपकरणों से लैस त्वरित कार्रवाई बल (RAF) की महिला कर्मियों की तैनाती का अनुरोध कर रहे हैं।पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा,
अधिकारियों ने बताया कि लगभग 20 या इससे अधिक महिलाओं के समूह को लाठी-डंडे लेकर इंफाल रोड के प्रमुख स्थानों पर खड़े होकर सबकी जांच करते हुए देख सकते हैं, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में फंसे जनजातीय लोगों तक कोई मदद न पहुंच सके। यहां तक कि मणिपुर की स्थिति को कवर करने आए पत्रकारों को भी मीरा पैबिस की सदस्यों ने नहीं बख्शा।आप देख सकते हैं कि खुद को 'मीरा पैबी' बताने वाली ये महिलाएं अक्सर दबाव डालने पर खुद को निर्वस्त्र करने की धमकी देती हैं। जब सेना की टुकड़ियां पर्वतीय क्षेत्रों में दूसरे स्थानों की ओर बढ़ती हैं, तो ये महिलाएं डंडे लेकर रास्ता रोकने के लिए खड़ी हो जाती हैं।