Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

NEET 2024: 'शिक्षा मंत्री ने खुद को छोड़कर बाकी सबको दोषी ठहरा दिया' राहुल गांधी और धर्मेंद्र प्रधान में तीखी बहस

नीट परीक्षा मामले में सोमवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सदन में शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा। अखिलेश यादव ने केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी। राहुल गांधी ने कहा कि करोड़ों लोगों का मानना है कि देश की परीक्षा प्रणाली धोखाधड़ी से भरी है। पैसे व ताकत के बल पर परीक्षा प्रभावित की जा सकती है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 22 Jul 2024 10:00 PM (IST)
Hero Image
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कांग्रेस नेता राहुल गांधी। (फोटो- संसद टीवी)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक और नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर इस मामले पर सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने शिक्षा मंत्री को इस मुद्दे पर न सिर्फ घेरा बल्कि सदन में ही उनके इस्तीफे की भी मांग की।

यह भी पढ़ें: सही उत्तर पर राय देगा IIT दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने निदेशक से कमेटी बनाने को कहा

लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू हुआ, वैसे ही नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सवाल आया। इस दौरान विपक्ष ने पूछा कि सात साल में परीक्षाओं में 70 पेपर लीक की घटनाएं हुई है, इन्हें रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।

पेपर लीक की एक भी घटना नहीं: शिक्षा मंत्री

विपक्ष के सवाल पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेपर लीक की एक भी घटनाएं नहीं हुई है। इसके कोई सबूत नहीं है। इसके बाद तो हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नीट में लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ पर चिंता जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि देश की समूची परीक्षा व्यवस्था धोखा बन गई है।

बच्चों के साथ न्याय नहीं होगा: अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में सरकार से तीखे सवाल करते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा मंत्री के रहते बच्चों के साथ न्याय नहीं होगा। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर के नीट विवाद पर पूछे गए सवाल के दौरान शुरू हुआ हंगामा यही तक नहीं थमा, बल्कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव के पूरक सवाल पर भी तीखे शब्दों के तीर चले।

शिक्षा मंत्री ने सभी को दोषी ठहरा दिया: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा है कि 'शिक्षा मंत्री ने खुद को छोड़कर बाकी सबको दोषी ठहरा दिया। यह विषय सिर्फ नीट की गड़बड़ी तक नहीं बल्कि सभी परीक्षाओं की गड़बड़ी से जुड़ा है। देश में लाखों छात्र इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली धोखाधड़ी भरी है। लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है।

शोर मचाने से झूठ सच नहीं होता

शिक्षा मंत्री प्रधान ने इसका तल्ख जवाब देते हुए कहा कि मुझे बुद्धिमत्ता और संस्कार का प्रमाणपत्र किसी से नहीं चाहिए। देश की जनता ने हमारे प्रधानमंत्री को चुना है मैं उनके निर्णय से यहां जवाब दे रहा हूं। सिर्फ शोर मचाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है। जिन्होंने रिमोट से सरकार चलाई है। वह सवाल पूछ रहे है।

किसके दबाव में विधेयक पारित नहीं किया

धर्मेंद्र प्रधान ने पूछा कि 2010 में मनमोहन सिंह सरकार के समय में कपिल सिब्बल शिक्षा सुधार के लिए तीन बिल लाए थे। उनमें से एक अनियमितता को रोकने के लिए था। जिसे पारित नहीं कराया गया। उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी बताए उसे किसके दबाव में वापस लिया गया। क्या यह निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव के कारण था? या घूसखोरी के दबाव में ऐसा किया और वे हमसे सवाल पूछ रहे हैं। प्रधान ने कहा कि हमारी सरकार ने परीक्षा में गड़बड़ी को रोकने के लिए बिल लायी और पारित भी किया।

अखिलेश बोले- पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी सरकार

नीट पेपर लीक पर अखिलेश यादव ने शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए कहा 'यह सरकार कोई और रिकॉर्ड भले ही न बना पाए, लेकिन पेपर लीक का नया रिकॉर्ड जरूर बनाएगी। सीकर जैसे कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां दो हजार से अधिक छात्र पास हुए हैं। जब तक ये शिक्षा मंत्री हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट में है मामला

प्रधान ने नीट पेपर लीक पर साफ किया था कि पिछले सात सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि एनटीए के गठन के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं। जिसमे पांच करोड़ से अधिक छात्र अब तक परीक्षा दे चुके है।

यह भी पढ़ें: NEET Exam 2024: सिर्फ पेपर लीक नहीं, बैंकों का भी गड़बड़झाला... सॉलिसिटर जनरल ने भी मानी गलती