NEET Exam 2024: सिर्फ पेपर लीक नहीं, बैंकों का भी गड़बड़झाला... सॉलिसिटर जनरल ने भी मानी गलती
NEET Exam 2024 नीट एग्जाम विवाद को लेकर दायर 40 याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एनटीए और केंद्र सरकार के वकील यानी सॉलिसिटर जनरल मेहता से सख्ती से सवाल किए। सीजेआई ने ग्रेस मार्क्स से लेकर सेंटर इंचार्ज के बैंक पहुंचने तक कई सवाल पूछे।
जागरण डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी 22 जुलाई को नीट एग्जाम विवाद को लेकर दायर 40 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने नीट से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई की।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से पीठ को बताया गया कि देश भर के कुल 3300 छात्रों ने गलत प्रश्न पत्र से परीक्षा दी। एनटीए की से जानकारी दी गई कि इन छात्रों ने केनरा बैंक से लाए गए प्रश्न पत्र से परीक्षा दी, जबकि इन छात्रों को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में रखे गए प्रश्न पत्रों से परीक्षा देनी थी।
इस पर तुरंत छात्रों का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा ने पूछा कि जब एनटीए ने केवल एसबीआई के प्रश्न पत्रों के ही आंसर जारी किए तो फिर इन 3300 छात्रों की कॉपी कैसे जांची गईं? इसका जवाब सीजेआई ने कहा कि उनके पास केनरा बैंक वाले प्रश्न पत्र की भी आंसर-की होगी। तब हुड्डा ने कहा कि अभी तक तो एजेंसी ने इसके आंसर जारी नहीं किए हैं।
क्या गलत प्रश्न-पत्र बांटने के चक्कर में मिले ग्रेस मार्क्स?
मुख्य न्यायाधीश ने ग्रेस मार्क्स लेकर पूछा तो एनटीए का पक्ष रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केवल उन्हीं छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, जिन्हें पहले केनरा बैंक का पेपर अटेम्प्ट करने को दिया गया था। बाद में केनरा बैंक का प्रश्न पत्र वापस लेकर एसबीआई के प्रश्न पत्र दिए गए।
सीजेआई इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने पूछा कि आखिर ग्रेस मार्क्स दिए ही क्यों गए? सीजेआई द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मुझे भी लगता है कि यह सही फैसला नहीं था। यह एनटीए का फैसला था कि अगर समय को लेकर कोई परेशानी हुई है तो ग्रेस मार्क्स दिए जाएं। हालांकि, बाद में इस फैसले को वापस भी ले लिया गया।
कितने केंद्रों पर बांटे गए गलत प्रश्न पत्र?
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा भारतीय स्टेट बैंक की जगह केनरा बैंक का प्रश्न पत्र कितने परीक्षा केंद्रों पर बांटा गया तो एनटीए के वकील के पास इसका भी कोई जवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि वह बाद में इसका जवाब दायर करेंगे। हालांकि,थोड़ी देर बाद एजेंसी की ओर से बताया गया कि आठ केंद्र पर यह गलती हुई।
सीजेआई ने पूछा कि क्या झज्जर के परीक्षा केंद्र पर भी छात्रों ने गलत प्रश्न पत्र से परीक्षा दी। एनटीए के वकील ने जवाब दिया कि वह परीक्षा केंद्र नया था। इसलिए उस शहर के कॉर्डिनेटर ने मैसेज नहीं देखा और दोनों बैंकों से प्रश्न पत्र मंगवा लिए थे। यह भी पढ़ें -NEET-UG में 720 में मिले 705 अंक, 12वीं में दो विषयों में हुई फेल; इंटरनेट मीडिया पर चर्चा में गुजरात की छात्रा
पीठ ने पूछा कि क्या बैंकों को पहले से मैसेज नहीं भेजे गए थे कि आपको प्रश्न पत्र देने हैं या नहीं, क्या केनरा बैंक को साफ-साफ नहीं बताया गया था कि उन्हें पेपर रिलीज नहीं करने हैं। इस पर एजेंसी ने कहा कि मैसेज भेजने के बाद भी गलती हुई है।यह भी पढ़ें -यूजीसी-नेट की पुन: परीक्षा पर रोक लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका की गई दाखिल
जब पीठ ने पूछा कि झज्जर के सेंटर इंचार्ज बैंक कैसे पहुंच गए तो इसके जवाब में एजेंसी ने कहा कि परीक्षा केंद्र और बैंक दोनों के स्तर से गड़बड़ी हुई है। इसके अलावा हरदयाल स्कूल में भी ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। सीजेआई ने पूछा कि जब हरदयाल स्कूल में सभी छात्रों ने केनरा बैंक का पेपर दिया तो फिर उन्हें ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए। एनटीए ने इस पर भी बाद में जवाब देने की बात कही।
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